मुजफ्फरपुर, जागरण टीम। सरकार की अति महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना का हाल यह है कि चावल के अभाव में उत्तर बिहार के जिलों के आधा से ज्यादा स्कूलों में मध्याह्न भोजन बन ही नहीं रहा है, बच्चे भूखे घर लौट रहे हैं। पड़ताल से पता चलता है कि व्यवस्था स्कूलों तक चावल पहुंचाने में ही विफल हो चुकी है, खिचड़ी बने तो कैसे? कहीं निविदाएं नहीं निकाली जा सकीं तो कहीं...
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प्रमंडल को पोषाहार के लिए मिले 69 करोड़
मुजफ्फरपुर। राज्य योजना मद से राज्यांश के रूप में बाल विकास परियोजनाओं के तहत तिरहुत प्रमंडल को पोषाहार के लिए करीब 69.43 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2010-11 के लिए मिले हैं। बिहार सरकार समाज कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव आरएल रविदास ने आयुक्त एसएम राजू को इसकी जानकारी पत्र के माध्यम से दी है। उन्होंने उल्लेख किया है कि इसके तहत मुजफ्फरपुर को 19.5, सीतामढ़ी को 14.49, पश्चिमी चंपारण 11.24,...
More »मैट्रिक फेल ऊहो डाक्टर
मुजफ्फरपुर। सीतामढ़ी के नानपुर में आम लोगों की जुबान पर चढ़ चुका यह जुमला पूरे उत्तर बिहार में अपना मुकाम हासिल कर चुका है। यानी यहा गांवों में वह भी अपनी डाक्टरी चमका रहा है, जो मैट्रिक की परीक्षा में फेल हो चुका है। जबकि, उनके नेमप्लेट पर देखे जा सकते हैं आरएमपी, बीएमपी, एसआईएमएस [सिम्स], एमआईएमएस [मिम्स] आदि जैसे भारी-भरकम डिग्रियों वाले कोटेशस। सिम्स व मिम्स पत्रिकाओं के नाम हैं,...
More »भीड़ न्याय करती रही और बिछती गयीं लाशें
पटना राज्य में भीड़ द्वारा किसी कथित अपराधी को पीट- पीट कर मार डालने के लगातार हादसे, समाज के बर्बर दौर में लौट जाने के भी कई संदर्भ खोलतेहै। यह विधि-व्यवस्था से मोहभंग और जीवन के विभिन्न मोर्चो पर अपनी असहायता का नकारात्मक और 'नपुसंक क्रोध' भी हो सकता है जो भीड़ में घिरे किसी शख्स पर जहां- तहां बरस जाता है। उन्मादी...
More »बिहार में किसान बेजार
बारिश की बेरुखी ने बिहार के किसानों को बेजार कर दिया है। इसकी वजह से राज्य में अब तक सिर्फ 40 फीसदी खेतों में ही रोपनी हुई है। बारिश के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए किसान अब मध्यम और छोटी अवधि वाली फसलों को खेती करने की तैयारी कर रहे हैं। गया के किसान रामचंद्र सिंह बताते हैं, 'आर्द्र नक्षत्र शुरू हो गया है, लेकिन कहीं बारिश का नामोनिशान तक...
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