पटना: रबी में इस बार राज्य के बाहर उत्पादित बीजों से गेहूं की पैदावार नहीं होगी. कृषि विभाग के फार्म में तैयार बीजों से गेहूं की बोआई होगी. राज्य में इस बार करीब 25 हजार हेक्टेयर में गेहूं की फसल लगने का अनुमान है. इसके लिए करीब एक लाख 70 हजार क्विंटल बीज की जरूरत पड़ेगी. इतनी मात्र में बीजों का उत्पादन कृषि फार्म में कर लिया गया है. कृषि रोडमैप...
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बांध में पानी भरने से किसानों की खड़ी फसल तबाह
रायपुर। बांध का पानी खेतों में भरने से मंदिर हसौद के कुरुद गांव में 70 किसानों की फसल तबाह हो गई है। ऐन कटाई के वक्त खेतों में पानी भर गया। इससे पूरी फसल खराब हो गई। अब किसानों के कर्ज में डूबने की नौबत आ गई है। किसानों के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है और उनकी नींद हराम हो गई है। किसानों का कहना है कि बांध...
More »दलहन और तिलहन के उत्पादन पर हो किसानो का जोर: CACP
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) के रिपोर्ट के मुताबिक किसान अनाज के उत्पादन से दूर जा रहे है और दलहन और तिलहन का उत्पादन ज्यादा कर रहे है। इसकी मुख्य वजह गेहूं के एमएसीपी में लगातार हो रही कम बढोतरी है। जिसके कारण किसानों का मुनाफा घट गया है। सरकार के पास गेहूं का स्टॉक ज्यादा होने से रबी सीजन के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य में सिर्फ...
More »शुद्ध अनाज चाहिए, तो मध्यप्रदेश के मंडला-डिंडौरी चले आइए
जबलपुर। पड़ोसी जिलों के खेतों से निकलने वाली राहर, कोदों-कुटकी, चावल और मक्का में किसी तरह का रसायन नहीं है। यह अनाज पूरी तरह से जैविक उत्पाद हैं। कुछ इस तरह की फसलों की पैदावार करने वाले मंडला और डिण्डौरी जिले देश में आर्गेनिक खेती के मामले में अव्वल बने हुए हैं। जिसके चलते प्रदेश सरकार ने इन जिलों को जैविक खेती का हब बनाने का फैसला लिया है। इसके बाद...
More »जनसंख्या के बढ़ते बोझ को भोजन उपलब्ध कराने ऊपरी व शुष्क भूमि की उपयोगिता बढ़ाना है जरूरी
वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...
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