जनसत्ता 3 जनवरी, 2012: दिल्ली की वह बहादुर लड़की शरीर और मन पर हुए प्राणांतक घावों के बावजूद जीना चाहती थी। देश के करोड़ों लोग भी यही चाहते थे। लेकिन वह लड़ते हुए एक शहीद की तरह चली गई। यह सही है कि वह भारतीय समाज में स्त्रियों के खिलाफ होने वाली बर्बर यौन हिंसा और भेदभाव की पहली शहीद नहीं है और न आखिरी। उसके जाने के बाद भी दिल्ली,...
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मेधा की गिरफ्तारी का विरोध, प्रदर्शन करेंगे किसान
अंबरीश कुमार, लखनऊ। समाजवादी पार्टी मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और किसान नेता सुनीलम के समर्थन में खुल कर सामने आई और मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार को पूंजीपतियों के साथ खड़ा होने और किसानों की जमीन छीनने वाला बताया। समाजवादी पार्टी ने आज यहां कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की गिरफ्तारी और किसान नेता सुनीलम को उम्रकैद की सजा से साफ है कि कांग्रेस और भाजपा की...
More »अब रामदेव की किसान रैली पर निगाहें
सुरेंद्र सिंघल देवबंद / सहारनपुर, 18 अक्तूबर। बाबा रामदेव की 28 अक्तूबर को देवबंद के देवीकुंड मैदान पर होने वाली किसान रैली की तैयारियां यहां जोर-शोर के साथ शुरू हो गई हैं। रैली के संयोजक भगत सिंह वर्मा इलाके का सघन दौरा कर किसानों से रैली में पहुंचने की अपील कर रहे हैं। दस अक्तूबर की भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी की सफल रैली के बाद अब लोगों की निगाह उसी मैदान...
More »भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का कठिन दौर-सुरेंद्र किशोर
जनसत्ता 22 अक्टुबर, 2012: भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों पर भी देश का लगभग पूरा राजनीतिक वर्ग आरोपितों का इन दिनों अतार्किक ढंग से बचाव करता नजर आ रहा है। कोई दल या नेता अपनी कमी या गलती मानने को आज तैयार नहीं है। सुधरने का तो कहीं से दूर-दूर तक कोई संकेत नहीं। इससे भी, भ्रष्टाचार की समस्या की गंभीरता का पता चलता है। देश के अधिकतर नेताओं के ताजा रुख...
More »फिर अहम होता व्यवस्था परिवर्तन का मुद्दा- प्रो आनंद कुमार
आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ और व्यवस्था परिवर्तन की बात फिर चल रही है. लेकिन, जब कभी इस तरह के आंदोलनों की बात छिड़ती है, तो बरबस लोकनायक जयप्रकाश नारायण का चेहरा व चिंतन हमारे जेहन में आता है. अमूमन जेपी की शख्सीयत को सत्तर के दशक में उनके द्वारा दिये गये संपूर्ण क्रांति के नारे में ही समेटने की कोशिश होती है. सच यह है कि जेपी ने इस देश...
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