कानपुर [अर्थ प्रतिनिधि]। अब तक मॉड्यूलर किचन और मॉड्यूलर ऑफिस ही होते थे, जिन्हें जगह, उपयोगिता और सौंदर्यबोध के हिसाब से जैसे चाहा सजा लिया. अब उद्योग जगत की जरूरत के हिसाब से उपयुक्त दक्षता वाले मॉड्यूलर कारीगर भी तैयार किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार इसके लिए उद्यमियों की कमेटी को स्थानीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान [आईटीआई] में पाठ्यक्रम बदलाव और अन्य सुधार की जिम्मेदारी सौंप रही है। अब तक...
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श्वेत क्रांति की बदौलत बदली तकदीर
बेतिया। जिले के कई गावों में अनपढ़ महिलाओं ने श्वेत क्राति की बदौलत घर की तकदीर बदल दी। समस्याओं से संघर्ष कर इनके द्वारा लिखी गई आर्थिक समृद्धि की नई इबारत वाकई महिला सशक्तिकरण की मिसाल है। बीते दिनों में दो वक्त की रोटी को तरसने वाली नौतन प्रखंड के विभिन्न गावों की व्यासी देवी, दुलारी देवी, गिदरी देवी, उर्मिला देवी, शारदा देवी समेत एक दर्जन से अधिक महिलाओं ने...
More »अब भारत के दुग्ध बाजार पर भी चीन की नजर
लुधियाना [बिंदु उप्पल]। अगर कुछ समय बाद भारत में मेड इन चाइना दूध भी मिलने लगे तो चौंकिएगा नहीं। असल में चीन भारत की बढि़या नस्ल की गायों का सीमन ले जाकर अपना दूध उत्पादन बढ़ाने की तैयारी में है। इसके बाद वह सस्ता दूध निर्यात करने की रणनीति भी अपना सकता है। अन्य चीनी सामान की तरह दूध के लिए भी भारत एक बड़ा बाजार साबित हो सकता है।...
More »दो सिरदर्द का एक इलाज
चीन के साथ तनाव और माओवादियों द्वारा पेश की गई चुनौतियों ने पिछले कुछ हफ्तों से अखबारों की काफी सुर्खियां बटोरी हैं। हालांकि इन दोनों मसलों का एक दूसरे से जुड़ाव नहीं दिखता, लेकिन ये दोनों तब एक साथ केंद्र में आ जाते हैं जब हम आर्थिक विकास व मानव विकास के मुख्य आंकड़ों पर नजर डालते हैं। पहले चीन की बात करते हैं। वैश्विक आर्थिक प्रभाव, कूटनीतिक पहुंच, सैन्य शक्ति व...
More »बाल सेविकाओं को नहीं मिला एक साल से वेतन
भिवानी, नौनिहालों को व्यावहारिक जीवन का सबक सिखाने वाले जिला बाल कल्याण विभाग को खुद सहायता की दरकार है। छोटे बच्चों को खेल-खेल में जीवन के सही मायने बताने वाली बाल सेविकाओं और हेल्परों को पिछले एक साल से उनका मेहनताना भी नहीं मिल रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद भी अधिकारियों की मनमानी के आगे अपनी आंखें मूंदे बैठी है। हालत...
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