जागरण प्रतिनिधि, शिमला : हिमाचल में चयनित उच्च विद्यालयों व वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के बच्चे स्मार्ट क्लासरूम में आईसीटी यानी इन्फार्मेशन कम्यूनिकेशन टेक्नीक सीखकर पहले से भी अधिक स्मार्ट होकर निकलेंगे। तेजी से बदलते समय में सूचना तकनीक के हर पहलू से परिचित होना आवश्यक बन गया है। समय की इस मांग को देखते हुए हिमाचल प्रदेश के उच्च विद्यालयों और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में आईसीटी परियोजना शुरू की जा रही है। इसके तहत स्मार्ट क्लासरूम...
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फिर लापरवाही : छात्र कर रहे जनगणना
यमुनानगर, जागरण संवाद केंद्र : गांव मंडेबर में सरकारी स्कूल का शिक्षक 15 वर्ष के दो छात्रों से जनगणना करा रहे हैं। शिक्षक की लापरवाही से छात्र चिलचिलाती गर्मी में गलियों में भटकने पर मजबूर हैं। उन्हें खुद नहीं मालूम है कि करना क्या है। वे जनगणना फार्म खुद भर रहे हैं और रसीदें अध्यापक घर बैठे ही काट रहा है। मामले का पता लगने पर शिक्षक ने वाहन स्टार्ट न होने का बहाना बनाकर...
More »कागजों में पक रहे पोषाहार के दाने
जोधपुर. राज्य सरकार ने भले ही गर्मी की छुट्टियों में ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील योजना के तहत पोषाहार खिलाने का आदेश कर दिया हो, लेकिन हकीकत में बच्चे पोषाहार खाने आ ही नहीं रहे हैं, जबकि शिक्षक कागजों में विद्यार्थियों की 50 से 80 फीसदी उपस्थिति बताकर स्कूलों में खाना बना रहे हैं। अकाल की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को सभी सरकारी विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश...
More »1177 गांव, एक दिन में सर्वे
सीकर. जिले के 1177 गांवों में चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे का काम एक दिन में ही कर दिया गया और दूसरे दिन सुबह-सुबह ही सर्वे रिपोर्ट भी शिक्षकों से ले ली गई। सर्वे ड्राप आउट और अनामांकित बच्चों की संख्या जानने के लिए किया गया था। भास्कर ने पड़ताल की तो पता चला कि 19 मई को नोडल पर सर्वे करने वाले शिक्षकों की बैठक बुलाई गई और 20 मई को उन्हें हर हाल में सर्वे...
More »गरीबों को खाद्यान्न टिकट दिया जाए
नई दिल्ली। औद्योगिक संगठन फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर्स आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज [फिक्की] ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि सरकार को गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए सस्ते खाद्यान्न की बजाय सीधे खाद्यान्न टिकट जारी करना चाहिए। फिक्की ने कहा है कि जन वितरण प्रणाली [पीडीएस] के तहत गरीब परिवारों को सब्सिडी युक्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने की वर्तमान व्यवस्था को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इसमे कई स्तरों पर खामियां...
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