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अमीरी रेखा की जरूरत- सुनील

जनसत्ता 12 दिसंबर, 2011 : कुछ माह पहले जब योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि शहरों में बत्तीस रु. और गांवों में छब्बीस रु. प्रतिदिन खर्च करने वालों को गरीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा, तो देश के संभ्रांत पढ़े-लिखे लोगों में और मीडिया में खलबली मच गई। अहलूवालिया से लेकर जयराम रमेश तक को सफाई में बयान देने पडे। उन्होंने यह...

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सरकार हीमोफीलस इनफ्लुएंजा के लिए पेंटावेलेंट वैक्सीन शुरू करेगी

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (एजेंसी) तीन साल से अधिक समय तक सोच विचार करने के बाद सरकार ने हीमाफीलस इनफ्लुएंजा के खिलाफ सुरक्षा उपाय के रूप में पेंटावेलेंट वैक्सीन शुरू करने का फैसला किया है। इस घातक विषाणु बीमारी से हर साल करीब एक लाख बच्चों की जान चली जाती है। राष्ट्रीय प्रतिरक्षण कार्यक्रम में इस दवाई को शामिल करने वाला भारत 171वां देश होगा। अमेरिका ने इस वैक्सीन को सबसे...

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पूर्वांचल में मासूमों की मौत का आंकड़ा 600 के पार

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल में इंसेफेलाइटिस से लगातार हो रही मासूमों की मौतों का आंकड़ा 602 तक पहुंच गया है। छह साल पहले पूर्वी उप्र में 602 मौते हुई थी। मासूमों की मौतों के सिलसिले के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग भी नींद से जागा है। आयोग की कोर कमेटी के अध्यक्ष डा. योगेश दूबे ने गोरखपुर के इंसेफेलाइटिस प्रभावित गांवों का दौरा किया। इस साल छह सौ मौतों के...

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मिड डे मील से जायका गायब-मोहम्मद हारून

दीदी कैसे खाएं इस खाने को। बाखली में चना नहीं, दलिया में मीठा कम, पुलाव में सब्जी नहीं, खिचड़ी में दाल नहीं। कुछ इस तरह का वार्तालाप आए दिन होता है हथीन के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में बंटने वाले मिड डे मील खाने बैठे विद्यार्थियों में। सरकार इस योजना पर प्रति वर्ष करोड़ों रुपये खर्च करती है। स्कूलों में दिनों के हिसाब से मेन्यू तय किए गए हैं। तय मेन्यू...

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बारहवीं योजना में स्वास्थ्य - राम प्रताप गुप्ता

पिछले दिनों सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना का दृष्टिकोण पत्र जारी किया। आर्थिक विकास की ऊंची दर के बावजूद आम जनता विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है। इसका प्रमुख कारण यही है कि आज भी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर राष्ट्रीय आय का मात्र 1.2 प्रतिशत खर्च किया जाता है। नतीजतन लोगों को चिकित्सा व्यय का अधिकांश स्वयं वहन करना पड़ता है, जो उन्हें गरीबी रेखा से नीचे धकेल रहा है। सार्वजनिक...

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