कर्नाटक को भारत के आईटी सेक्टर में सफलता का सबसे ऊंचा झंडा गाड़ने वाला राज्य माना जाता है और विदे्शी निवेश के लिहाज से भी यह सबसे चहते राज्यों में शुमार है। कर्नाटक प्रति व्यक्ति आय के लिहाज देश के शीर्ष राज्यों में गिना जाता है। लेकिन आर्थिक विकास के निर्देशांकों के हिसाब से ऊंचे पायदान पर दिखने वाले इसी राज्य कर्नाटक में हजारों बच्चे कुपोषण के कारण मौत की...
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नाम के नागरिक- बृजेश सिंह (तहलका हिन्दी)
वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
More »502 खदानों के आवंटन में घोटाले का आरोप: विधानसभा में उठेगा मामला
जोधपुर. खान विभाग के जोधपुर जोन में रोहिला कलां, बुझावड़ा सहित चार स्थानों पर मेसेनरी स्टोन की 502 खदानों के आवंटन में घोटाले का आरोप लगाते हुए सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास ने कहा है कि विभाग ने महकमे के अफसरों के साथ नेताओं के रिश्तेदार व उनके सगे संबंधियों के परिजनों को एक साथ कई खानें आवंटित कर दी। इन्हें निरस्त नहीं किया गया तो वे विधानसभा में मामला उठाएंगी। जरूरत...
More »बेकाबू दिमागी बुखार- मुकुल व्यास
उत्तर प्रदेश के पूर्वी जिलों में फैले जापानी इनसेफैलाइटिस अथवा दिमागी बुखार के प्रति राज्य और केंद्र सरकार की घनघोर लापरवाही से इलाके की जनता में जबरदस्त रोष है। लोगों ने आगामी विधानसभा चुनावों में सरकार की कमजोर जनस्वास्थ्य नीतियों को एक बड़ा मुद्दा बनाने का फैसला किया है। इसके लिए ‘इनसेफैलाइटिस इरेडिकेशन मूवमेंट’ (ईईएम) नाम से गठित मंच उम्मीदवारों से पूछेगा कि इस महामारी से लड़ने के लिए उनके...
More »अवैध तरीके से पशु हत्या करने वालों का ब्योरा दे सरकार
मुंबई बांबे हाईकोर्ट ने पशुहत्या मामले पर राज्य सरकार की भूमिका को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने मुंबई मनपा प्रशासन को अवैध ढंग से होने वाले पशु हत्या के विरोध में कठोर कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि अवैध ढंग से होने वाली पशुओं की हत्या पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। खुली जगह पर पशुओं को काटने पर मनाई है। फिर भी उन्हें...
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