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पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गेहूं की खरीद में आई तेजी, उत्तर प्रदेश में ढीली

-आउटलुक, पंजाब के साथ ही हरियाणा और मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की खरीद में तेजी आई है लेकिन सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में खरीद की रफ्तार अभी भी धीमी बनी हुई है। पंजाब के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अनुसार चालू रबी विपणन सीजन 2020-21 में एमएसपी पर पहले दस दिनों में ही 35.07 लाख टन गेहूं की खरीद एमएसपी पर हो चुकी है जोकि...

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कभी घर-घर सर्वे, कभी थोड़ी जासूसी, कभी ढोलक की थाप: कौन हैं ये गुमनाम "कोरोना वॉरियर्स", महामारी से लड़ती हुई ये दस लाख की पैदल सेना ?

-गांव कनेक्शन,  खबर पक्की थी। फोन गुपचुप आया था, "दीदी हमारे पड़ोस में बंबई से आये हैं।" उत्तर प्रदेश के अटेसुआ गाँव में शहर से वापस आये मजदूरों को कायदे से 14 दिन के लिए क्वारंटाइन होना था, लेकिन ग्राम प्रधान ने उनके तुरंत आने पर ऐसा नहीं करवाया था। गाँव की आशा कार्यकर्ता कुसुम सिंह (48) को पता था कि अगर प्रधान पर उन्होंने सीधे ऊँगली उठाई तो उनका विरोध...

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MP पुलिस की पिटाई से हुई किसान की मौत, कमलनाथ बोले शिव ‘राज’ में शुरू हो चुकी है दरिंदगी और बर्बरता

जनज्वार, जितनी ज्यादा समाज में कोरोना वायरस की भयावहता बढ़ती जा रही है, उससे कहीं ज्यादा खौफ लोगों में पुलिस का बन रहा है। इसकी वजहें भी हैं। इस दौरान कई ऐसी घटनायें सामने आयी हैं, जिनमें पुलिसिया प्रताड़ना खुलकर सामने आयी है। हाल की घटना उत्तर प्रदेश की है, जहां बिस्किट लेने घर से बाहर निकलने 22 साल के रिजवान को पुलिस ने इतना पीटा कि इलाज के दौरान उसकी...

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कृषि मंत्रालय के अनुसार देशभर में लॉकडाउन के बीच गेहूं की 67 फीसदी कटाई पूरी

-आउटलुक,  कोरोना वायरस महामारी के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए देश में अब तक गेहूं के कुल 310 लाख हेक्टेयर रकबे के 67 फीसदी की कटाई की जा चुकी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार मौजूदा अनिश्चितता के बीच कृषि संबंधी कार्य उम्मीद बढ़ाने वाली गतिविधियां है, जो देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती है। पूरे देश में किसान और खेतिहर मजदूर सभी विपत्तियों...

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कोरोना संकट में दिखा गरीबी का नया मानचित्र

-इंडिया टूडे, कोरोना संकट ने सचमुच गरीबी का नया मानचित्र दिखाया है. इस मानचित्र में ऐसे गरीब ज्यादा हैं जो रोज न कमाएं तो उनके लिए पेट की भूख को शांत करना मुश्किल है. सरकारी स्तर पर बांटे जा रहे राशन और फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के आंकड़ों पर गौर करें तो ऐसे गरीबों की भी तादाद बड़ी है जो रोज न कमाएं तो उन्हें परिवार के साथ भूखे पेट ही...

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