अगर किसानों की आत्महत्या को किसानों की स्थिती का पैमाना माना जाए तो 2009 में किसानों के हालात बदतर हुए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकंडों के अनुसार भारत भर में 2009 के दौरान 17368 किसानों ने आत्महत्या की है. किसानों के हालात बुरे हुए हैं, इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों की आत्महत्या की ये घटनाएँ, 2008 के मुकाबले 1172 ज़्यादा है. इससे...
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बेमौसम बारिश से टमाटर की फसल चौपट
रायपुर.छत्तीसगढ़ में टमाटर की फसल चौपट हो गई है। बंपर पैदावार करने वाले इलाकों में बारिश के कारण टमाटर के पौधे सूख गए। इससे करीब 80 फीसदी फसल नष्ट हो गई है। स्थिति यह है कि पिछले साल दिसंबर में दो रुपए किलो बिकने वाला टमाटर इस बार ४क् रुपए के भाव बिक रहा है। दुर्ग जिले में 70 फीसदी और कोरिया जिले में 30 प्रतिशत फसल नष्ट हो चुकी है। पिछले...
More »जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
More »राजनैतिक मर्यादा की प्रतिमूर्ति-योगेंद्र यादव
सुरेंद्र मोहन जी की चिता जलती देखकर फ़िर एक बार मन में विचार आया. इंडिया गेट पर ’अमर जवान ज्योति’ की तरह देश में कहीं-न-कहीं एक गुमनाम राजनैतिक कार्यकर्ता का स्मारक भी बनना चाहिए. बदन पर सादा, बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा, पैर में रबड़ की चप्पल, कंधे पर झोला और आंखों में चमक. मूर्ति के नीचे लिखा जा सकता है ‘पूर्णकालिक राजनैतिक कार्यकर्ता’. जैसे सुरेंद्र मोहन जी थे.और कुछ नहीं तो...
More »जंगल बचाने में फिसड्डी पंजाब
लुधियाना . पर्यावरणीय बदलाव के कारण सबसे अधिक समस्याएं झेल रहे फूड बाउल आफ इंडिया के राज्य पर्यावरण संरक्षण में सबसे ज्यादा लापरवाह हैं। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तीनों राज्य देश को करीब 80 फीसदी अन्न भंडार देते हैं, लेकिन इनमें जंगल या पर्यावरण को बचाने की दिलचस्पी कम है। इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इन राज्यांे में फॉरेस्ट कवर और ट्री कवर एरिया लगातार कम हुआ है,...
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