गाँधी जयंती 2 अक्टूबर से कर्नाटक के यादगीर से योगेन्द्र यादव के नेतृत्त्व में जय किसान आन्दोलन की संवेदना यात्रा प्रारंभ हो रही है। यह यात्रा इस समय देश में पड़ रहे भीषण सूखे की तरफ देश का ध्यान आकृष्ट करने के लिए किया जा रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़ अब तक पुरे देश में सामान्य से चौदह फीसद कम बारिश हुई है। देश के 295 जिलों में बारिश...
More »SEARCH RESULT
खेती की सुध कब लेगी सरकार- एम के वेणु
उत्तर और पश्चिमी भारत के किसानों को इस वर्ष के प्रारंभ में तब भारी संकट का सामना करना पड़ा था, जब बेमौसम बरसात के कारण उनकी रबी की पकी फसलें खेतों में बर्बाद हो गई थीं। उस भयावह अनुभव के बाद (जिसने दस एकड़ से कम कृषि भूमि वाले छोटे और मंझोले किसानों की आर्थिक हालात को काफी प्रभावित किया था) अब हम पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार के कुछ हिस्से,...
More »हमारी संवेदना का अकाल-- योगेन्द्र यादव
अकेले नहीं आता अकाल. पानी, प्रकृति और समाज के देशज चिंतक अनुपम मिश्र के लेख का यह शीर्षक अपने आप में बहुत कुछ कह जाता है. कुदरत सूखा देती है, अकाल नहीं. हर चौथे-पांचवें साल हमारे देश में बारिश की कमी होती है. लेकिन जरूरी नहीं कि इससे अन्न की कमी हो, पीने के पानी का संकट हो, इंसानों और मवेशियों की जान पर बन आये, खेती-किसानी से जुड़े हर...
More »चुनावी बाढ़ में सूखे का समाचार- चंदन श्रीवास्तव
हम सारी बातों पर बहस नहीं करते. बहस का विषय वही बातें बनती हैं, जिन्हें महत्वपूर्ण मान कर समाचार के रूप में परोस दिया गया हो. एक समय में एक ही जगह अनेक घटनाएं हो रही होती हैं और वे समान रूप से महत्वपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन सबके भाग्य में समाचार होना नहीं लिखा रहता. जो घटनाएं समाचार बनने से रह जाती हैं, वे हमारी चिंता के दायरे से भी...
More »"इसलिए राजस्थान में किसान नहीं करते आत्महत्या"
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि राजस्थान के किसान विदर्भ की तरह से आत्महत्या नहीं करते, क्योंकि हमारे यहां का किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन से भी जुड़ा है। जिससे अकाल और सूखे के बावजूद उसकी रोटी-रोटी पर संकट नहीं आता। मुख्यमंत्री यहां कम्पाउंड लाइव स्टॉक फीड मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में बोल रही थीं। उन्होंने रिसर्जेंट राजस्थान का जिक्र करते हुए फीड मैन्यूफैक्चरर्स से...
More »