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मानव-वन्यजीव संघर्ष: बढ़ते संघर्ष की भारी कीमत चुका रहे हैं भारत जैसे देश

डाउन टू अर्थ, 01 मार्च क्या आप जानते हैं कि भारत, केन्या और यूगांडा जैसे विकासशील देश, विकसित देशों की तुलना में इंसानों और वन्यजीवों के बीच होते संघर्ष की कहीं ज्यादा भारी कीमत चुका रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर क्षेत्रों को देखें तो वहां एक गाय या बैल को इस मानव-वन्यजीव संघर्ष में खोने का मतलब है कि किसान ने अपने बच्चे की करीब 18 महीने की कैलोरी को...

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अपमान, तिरस्‍कार, डर… सुनहरे सपनों के बीच खत्‍म होती जिंदग‍ियां

इंडियास्पेंड, 01 मार्च "मुंबई में सैलून की दुकान पर काम कर किसी तरह बेटे राजा को पढ़ा रहा था। वह पढ़ने में अच्छा था तो सोचा था कि हमारी गरीबी खत्म करेगा। लेकिन ऊपर वाले को तो कुछ और ही मंजूर था। मुझे अब भी विश्वास नहीं होता कि मेरा बेटा आत्महत्या कर सकता है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था।" शाहजहांपुर जिले के कांट पश्‍च‍िमी पट्टी के रहने वाले 48 वर्षीय...

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ग्रेट बैकयार्ड पक्षियों के सर्वे में पाई गई 1,067 प्रजातियां: रिपोर्ट

डाउन टू अर्थ, 01 मार्च अखिल भारतीय सर्वेक्षण, द ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) के दौरान 1,067 पक्षियों की प्रजातियों को देखा गया। यह एक सालभर में किया जाने वाला कार्यक्रम है, जो हर फरवरी में 4 दिनों तक चलता है। जिसमें पक्षियों की गिनती करने और पक्षी संरक्षण में योगदान करने के लिए सभी स्तरों के पक्षी प्रेमियों को शामिल किया जाता है। यह सभी उम्र और पृष्ठभूमि के लोगों को...

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जलवायु परिवर्तन का पहला शिकार हो रहे हैं किसान

डाउन टू अर्थ, 28 फरवरी अब यह बात किसी से छिपी नहीं है कि चरम अथवा अप्रत्याशित मौसमी घटनाओं से किसानों की आय को नुकसान पहुंचता है। जलवायु परिवर्तन से होने वाली इस आर्थिक क्षति को व्यापक स्वीकार्यता मिल चुकी है। किसान ही जलवायु परिवर्तन को सबसे पहले महसूस करता है जो अंतत: समग्र किसी उत्पादन को प्रभावित करता है और खाद्य मुद्रास्फीति को बढ़ाने में योगदान देता है। खाद्य पदार्थों की...

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भारत के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है लैंटाना

डाउन टू अर्थ, 26 फरवरी यह किसी भी प्रजाति के लिए आसान नहीं है कि वह उन मूल प्रजातियों से बेहतर प्रदर्शन करे जो पहले से ही स्थानीय परिवेश के अनुकूल हों। लेकिन, सजावटी झाड़ी लैंटाना (लैंटाना कैमारा) ने आक्रामक फैलाव की कला में महारत हासिल कर ली है और अपने कौशल को लगातार निखार भी रही है। लैंटाना पहली बार 1800 के दशक की शुरुआत में लैटिन अमेरिका से भारत आई...

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