रांची/गुमला : कभी एकता की मिसाल कहा जानेवाला गुमला जिले के पालकोट थाना क्षेत्र का गांव खटगांव पर जैसे किसी की नजर लग गयी है. एक समय गांव में खुशहाली थी. आज वीरानी छायी है. दो घटनाओं ने गांव पर ग्रहण लगा दिया है. स्थिति यह है कि पिछले ढाई माह से गांव में सिर्फ बुजुर्ग और बच्चे ही हैं. लोग पुलिस के डर से छिपते फिर रहे हैं....
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केपटाउन कहीं भी दस्तक दे सकता है -- अनिल प्रकाश जोशी
दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन की जल त्रासदी चौंकाने से ज्यादा डराने वाली है। यह दुनिया के बेहतरीन शहरों में से एक माना जाता है और हमेशा अपनी खूबसूरती के लिए चर्चा में रहा है। लेकिन आज केपटाउन दूसरी वजह से सुर्खियों में है। यहां पानी का संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है। पिछले एक दशक से वैसे भी यह शहर पानी की किल्लत से गुजर ही रहा था और...
More »आर्थिक आतंकियों को मिले सजा-- तरुण विजय
नीरव मोदी हों या मेहुल चौकसी, विजय माल्या हों या कोई और, एक ऐसे समय में जब देश किसान, मजदूर, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की बात कर रहा है और सीमाओं पर हमारे सैनिक हर दिन खून की होली खेलते हुए मातृ-भूमि की रक्षा कर रहे हैं, उस समय देश से छल कर हजारों करोड़ के घोटाले करनेवाले वस्तुत: आर्थिक अपराधी नहीं, आर्थिक आतंकवादी हैं, जिन्हें वही सजा मिलनी चाहिए,...
More »हाईकोर्ट में जज ने कहा- वकालत की हुई दुर्गति, वकीलों का एक मात्र उद्देश्य जेबें भरना
मद्रास उच्च न्यायालय ने गुरुवार को खेद व्यक्त किया कि वकीलों का महान पेशा सबसे खराब स्थिति तक पहुंच गया है और अब वकीलों का एकमात्र उद्देश्य अपनी जेबों को भरना है। न्यायमूर्ति एन किरुबाकरण ने वकीलों भाष्कर मदुरम और लेनिन कुमार की एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह मौखिक टिप्पणी की। याचिका में वकीलों के निकाय के चुनाव लड़ने के लिए तमिलनाडु और पुडुचेरी बार काउंसिल द्वारा...
More »मानवीय गरिमा के खिलाफ--- कनिष्का तिवारी
नए साल की शुरुआत में ही हस्त आधारित मल निस्तारण की वजह से सात लोग अपनी जान गंवा बैठे। वर्ष 2017 में यदि अखबारों के आंकड़ों पर ही गौर करें तो सौ दिनों के अंतराल में सत्रह मजदूरों को इस अमानवीय कार्य में लगने के चलते अपनी जान गंवानी पड़ी। यह एक ऐसी समस्या है जो व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाती है, साथ ही संविधान व मानवीय आचरण के...
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