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‘जनश्री’ से सरकार खींच रही हाथ, चलाई ‘आम आदमी योजना’

नागपुर। तीन साल तक दोनों हाथ से धन बरसाने के बाद सरकार अब गरीबों के लिए बनी ‘जनश्री बीमा योजना’ से धीरे-धीरे हाथ खींच रही है।   सरकार कितना धन बांट चुकी है, इसका अंदाजा इस बात से चलता है कि नागपुर मंडल में इसके लगभग 5 लाख बीमा धारक हैं। गत वर्ष 1 लाख 70 हजार 4 सौ बच्चों को छात्रवृत्ति बांटी गई है।   एनजीओ के माध्यम से योजना   उल्लेखनीय है कि सरकार ने गरीबों...

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महज 125 रूपये के लिए यहां बैल बन रहे लोग

रांची.झारखंड की राजधानी रांची से 25 किमी दूर कतरपा गांव। पारा 42-43 डिग्री। खेत सूख गए। कुएं का पानी भी। भरी दोपहर में सफेद साड़ी पहने 65 साल की फूलचीभी देवी अन्य महिलाओं के साथ एक निजी कुआं गहरा करने में जुटी हैं। दो जून की रोटी जो चाहिए। सरकारी योजनाओं की विफलता का जीता-जागता उदाहरण। कहती हैं अंगूठा तो कई जगह लगवाया, लेकिन आज तक पैसा नहीं मिला। कोई कह गया...

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पंजाब में किसानों को जल्द मिलेगा पेंशन

चंडीगढ़। पंजाब सरकार किसानों को भी पेंशन देने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इसको लेकर व्यापक योजना बनाई जाए ताकि किसानों में सुरक्षा की भावना पैदा हो और वह सम्मान की जिंदगी जी सकें। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। उन्होंने किसानों की विभिन्न समस्याओं...

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वृद्धावस्था पेंशन के पक्ष में कुछ और तथ्य..

ठीक उसी वक्त जब मीडिया के हमारे मित्रगण कुछ और प्रमाणों की खोज में जुटे थे, आईएलओ(अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन) की एक नई रिपोर्ट में वृद्धावस्था-पेंशन और देश की बेहतरी के बीच विभिन्न तथ्यों के आलोक में संबंध स्थापित किया गया है। आईएलओ की रिपोर्ट “ वर्ल्ड सोशन सिक्यूरिटी रिपोर्ट 2010/11: प्रोवाइडिंग कवरेज इन टाइम्स ऑव क्राइसिस एंड बियान्ड ” में भारत की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का तन्कीदी जायजा लिया गया है। (रिपोर्ट निम्नलिखित लिंक पर...

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गरीबी, खाद्य सुरक्षा और कैश ट्रांसफर- रितिका खेड़ा

कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...

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