इन दिनों देश कई मोर्चों पर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें लगातार चिंता का सबब बनी हुई हैं। इसके चलते घरेलू बाजार में भी पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार चढ़ रहे हैं और आलम यह है कि पिछले दिनों सरकार ने इस मोर्चे पर उपभोक्ताओं को राहत देने की जो पहल की थी, वह भी अब पुन: दाम चढ़ने के साथ निस्तेज...
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नियंत्रण मुक्त हो प्रतिभा प्रवाह-- जयंतीलाल भंडारी
इस समय अमेरिका और दुनिया के कई विकसित देशों में भारत के पेशेवरों (प्रोफेशनल्स) की वीजा संबंधी कठोरता के कारण मुश्किलें और चिंताएं बढ़ती जा रही हैं. खासतौर से अमेरिका में सरकार की 'बाय अमेरिकन, हायर अमेरिकन' नीति के तहत नयी-नयी वीजा संबंधी कठोरता भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाते हुए दिखाई दे रही है. बीते 24 अप्रैल को अमेरिकी सरकार ने एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए कार्य परमिट के...
More »अपनी जड़ों को खोजते वे भारतवंशी- बद्री नारायण
हिंदी पट्टी ने ब्रिटिश उपनिवेश काल में अनेक मुसीबतें झेलीं। इनकी दो मुसीबतें अत्यंत महत्वपूर्ण रही हैं, जिन्होंने मिलकर हिंदी क्षेत्र का वर्तमान रचा है। एक तो 1857 का विद्रोह, दूसरा गिरमिटिया विस्थापन, जिसे प्रवास, उत्प्रवास कुछ भी कहा जा सकता है। भोजपुरी के प्रसिद्ध नाटककार भिखारी ठाकुर ने इसे बिदेसिया हो जाना भी कहा है। 19वीं सदी में दास प्रथा की समाप्ति के बाद दुनिया में आक्रामक रूप से...
More »चकाचौंध से उमजी समस्याएं -- अभिनीत मोहन
पिछले दिनों ‘जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियासाइंसेज' के शोधकर्ताओं ने चेताया कि दुनिया में प्रकाश प्रदूषण (लाइट पॉल्यूशन) तेजी से बढ़ रहा है और अगर इस पर नियंत्रण नहीं लगा तो आने वाले वर्षों में इंसानों, जानवरों और पेड़-पौधों का जीवन चक्र बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने ‘साइंड एडवांसेज जर्नल' में प्रकाशित अपने शोध में बताया है कि अगर रातों को रोशन करने वाली स्ट्रीट लाइट और...
More »अवैध प्रवासियों से कैसी हमदर्दी? - ब्रह्मा चेलानी
म्यांमार में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों की दुर्दशा को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चिंता जाहिर की जा रही है, लेकिन चिंता जताने वाले समस्या की जड़ को नहीं पहचान रहे हैं। उन्हें रोहिंग्या आतंकियों का जिहाद नहीं दिख रहा, जिन्होंने अपने हमलों को नई धार दी है। आम धारणा यह है कि हाल के वर्षों में सैन्य दमन के चलते रोहिंग्या अलगाववाद पनपा है, लेकिन तथ्य यह है कि म्यांमार...
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