स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 25 और 30 मार्च, 2020 के बीच, भारत में कुल COVID-19 मामलों की कुल संख्या दोगुनी यानी 519 से बढ़कर 1,251 हो गई है. 6 दिनों की अवधि में, COVID-19 से होने वाली मौतों की कुल संख्या 9 से 32 हो गई है. इस महामारी जैसी स्थिति में, जब कोरोनोवायरस संक्रमण देश भर में जंगल की आग...
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किसान को क्या चाहिए
-आउटलुक, “कोरोना संकट के दौर में सरकार को वाकई किसानों की फिक्र है तो वह फौरन कुछ जरूरी कदम उठाए” कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। हर व्यक्ति भविष्य को लेकर डरा हुआ है पर एक बात से पूरा देश निश्चिंत है कि हमारे पास खाने के लिए भरपूर अनाज है। दो महीने पहले ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ और अब समय गेहूं, सरसों आदि काटकर भंडारण का...
More »कोविड-19 : और क्या होगा न्यू नॉर्मल
-डाउन टू अर्थ, मैं बिना किसी संशय के कह सकती हूं कि कोविड-19 हमारे जीवनकाल की सबसे अधिक घातक एवं विनाशकारी घटना है और यह हमारे समाज की परिभाषा बदलकर रख देने की क्षमता रखता है। मेरी जानकारी में ऐसी कोई दूसरी महामारी नहीं है जो इतनी तेजी से फैली हो। वर्ष 2019 के दिसंबर के अंत में चीन में कोविड-19 का पहला केस पाया गया और आज अप्रैल 2020 के...
More »भारत और इंडिया: 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान से जो तसवीर उभरी वह देश की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाती है
-आउटलुक, “बिना व्यापक योजना के महज चार घंटे की मोहलत पर 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान से जो तसवीर उभरी वह देश की गलत प्राथमिकताओं को दर्शाती है” यह मानवीय त्रासदी है, जो हमारे प्रशासकों ने देश के गरीब तबके पर थोप दी है। सरकार ने कोरोनावायरस से फैलने वाली बीमारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए देश भर में 24 मार्च की आधी रात से 21 दिन का लॉकडाउन किया। उसके...
More »संपन्न भारत जब गरीबों के बारे में सोचता है तब वह अपने बारे में ही सोच रहा होता है
-सत्याग्रह, लॉकडाउन के उपरांत प्रवासी मज़दूर भारी संख्या में अपने गांवों की ओर निकल पड़े. हज़ारों की भीड़ बस अड्डों पर जमा हो गई. कितने तो पैदल ही सड़कों पर निकल पड़े. फिर क्या था, हाय तौबा मच गई. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. कुछ को वापस धकेल दिया गया कि अपने घरों में ही रहो. कुछ को अस्थायी क्वारंटाइन शिविरों में रख दिया गया. डर था कि उन हज़ारों...
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