लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
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ग्राम उदय से भारत उदय अभियान कल से
14 अप्रैल से अिभयान की शुरुआत प्रधानमंत्री मध्यप्रदेश के मऊ से करेंगे, अिभयान का पूरा फोकस गांवों पर होगा पटना : केंद्र सरकार 14 अप्रैल से ग्राम उदय से भारत उदय अभियान शुरू करने जा रही है, जो पंचायती राज दिवस 24 अप्रैल तक पूरे देश में चलेगा. बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल से आरंभ हो रहे इस अभियान का फोकस गांवों...
More »यहां कर्ज नहीं, अनाज मिलता है
गरीबों को जीवन चलाने के लिए कर्ज लेना ही पड़ता है. लेकिन जब ब्याज के साथ महाजन को कर्ज चुकाने की बारी आती है, तो बड़ी मुश्किल खड़ी हो जाती है. किसानों के लिए खुदकुशी करने की नौबत तक आ जाती है. पटना के आस-पास की कुछ महिलाएं अनूठा प्रयोग करते हुए अनाज बैंक चला रही हैं. जो महाजन के जुल्म से मुक्ति की सफल दास्तां है. पटना: मोहनचक की...
More »तकनीक की मदद से ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार की पहल
कौशिक यनामंद्रम और पीयूष सोहानी ने तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में एक कंपनी की स्थापना की है, नाम है सस्टेन अर्थ एनर्जी सॉल्यूशंस़ सितंबर, 2013 में स्थापित इस कंपनी के जरिये ये लोग ग्रामीण इलाकों में पर्यावरण अनुकूल ईंधन मुहैया कराते हैं. 28 साल के कौशिक इस कंपनी में फील्ड ऑपरेशंस के निदेशक की जिम्मेवारी संभालते हैं. वहीं, पीयूष इस कंपनी के सीइओ हैं और वित्तीय व तकनीकी मामलों...
More »बुंदेलखंड का एक ऐसा बांध जिसकी एकमात्र उपलब्धि किसानों को भिखारी बनाना है- विनय सुल्तान
सुबह के आठ बज रहे हैं. 72 साल के कल्लन तेज कदमों से गांव की मुख्य सड़क की तरफ बढ़ रहे हैं. हमसे मुलाकात करने की वजह से उन्हें काफी देर हो चुकी है. वे किसी भी हाल में मऊरानीपुर (झांसी जिले का एक कस्बा) जाने वाली पहली बस छोड़ना नहीं चाहते. कल्लन ऐन वक़्त पर बस स्टैंड पहुंचते हैं. एक मिनट की देरी उन्हें दो घंटे लंबे इंतजार की...
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