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.....ताकि चुनाव-चर्चा के बीच आप भुखमरी से हो रही मौतों को ना भूल जायें !

झारखंड में बीते 30 दिनों में कम से कम दो जन भुखमरी के कारण मौत की चपेट में आये हैं.  भोजन का अधिकार अभियान ने यह जानकारी एक तथ्यान्वेषी दल की रिपोर्ट के आधार पर दी है.   रिपोर्ट में राज्य के दुमका जिले में जामा प्रखंड के महुआटांड गांव के कलेश्वर सोरेन और देवघर जिले में  मार्गोमंडा प्रखंड के मोती यादव की मौत के पीछे भुखमरी को एक कारण के...

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पत्रकारों के लिए सुनहरा मौका: एनएफआई का मीडिया अवार्ड कार्यक्रम, आवेदन की आखिरी तारीख अब 10 जनवरी 2019 तक

नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया ने अपने नेशनल मीडिया अवार्ड कार्यक्रम 2019 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह अवार्ड कार्यक्रम युवा और पत्रकारिता के क्षेत्र में कुछ सालों तक योगदान कर चुके पत्रकारों के लिए है. अवार्ड कार्यक्रम के जरिए चयनित पत्रकार राष्ट्रीय महत्व के वैसे मुद्दों पर अपने शोध आलेख/ या फोटो-लेख प्रकाशित कर सकेंगे जिनपर मीडिया में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया है. अवार्ड कार्यक्रम में गहरी छान-बीन पर आधारित...

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हाशिमपुरा- इकतीस साल बाद-- विभूति नारायण राय

बुधवार को जब उच्च न्यायालय ने हाशिमपुरा नरसंहार के सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई, तो 31 साल पुरानी इस दुखद घटना के सारे दृश्य एक के बाद एक मेरी आंखों के सामने से गुजरने लगे।   कुछ अनुभव ऐसे होते हैं, जो जिंदगी भर आपका पीछा नहीं छोड़ते। दु:स्वप्न की तरह वे हमेशा आपके साथ चलते हैं। कई बार तो कर्ज की तरह आपके सीने पर सवार रहते...

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बौद्धिक स्वतंत्रता और राष्ट्रहित- मणींद्र नाथ ठाकुर

ऐसा क्या हो गया है कि भारत के बुद्धिजीवियों को राष्ट्रविरोधी होने का खिताब मिल रहा है? क्या स्वतंत्र चिंतन, सरकारी नीतियों की आलोचना राष्ट्रहित में नहीं है? आखिर उन्हें क्यों लगता है कि व्यवस्था गरीबों के हित में नहीं है? और यदि यह सही है, तो फिर व्यवस्था को ठीक करने का क्या उपाय किया जा सकता है? क्या यह भारतीय बुद्धिजीवियों का दायित्व नहीं है कि वे...

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लंबा रास्ता तय करना है हमारे मी टू को- जयंती रंगनाथन

हैशटैग-मी टू की गुहार हमारे यहां भी पहुंच ही गई। इस अभियान के लिए शक्ति के पर्व से बेहतर मौका और क्या हो सकता है? हर दिन कुछ नए नाम सामने आ रहे हैं, नए खुलासे हो रहे हैं, बातें बन रही हैं। फिल्म जगत, मीडिया, मनोरंजन जगत, राजनीति... औरतें सामने आ रही हैं, बता रही हैं कि बरसों पहले उनके साथ क्या हुआ था? कइयों ने कहा, हमारे पास...

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