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अगले पांच साल के दौरान होगी देश की पूरी आबादी की स्वास्थ्य जांच : आजाद

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (एजेंसी) कैंसर, कार्डियोवेस्कुलर समस्याओं, मधुमेह और आघात का शुरूआती अवस्था में पता लगाने और समय रहते उनका इलाज करने के लिए सरकार ने अगले पांच साल में देश की पूरी आबादी की स्वास्थ्य जांच करने की योजना बनाई है। राज्यसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान कें्रदीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बताया कि कैंसर, कार्डियोवेस्कुलर बीमारियों, मधुमेह और आघात का शुरूआती अवस्था में...

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खेत के साथ आंख भी नम, जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज

सेम की समस्या सिर्फ चुनावों के समय ही म़ुद्दा बनती है। बाद में इनसे प्रभावित लोगों को कोई नहीं पूछता। सेम से सीएम प्रकाश सिंह बादल का गृह जिला मुक्तसर सबसे ज्यादा प्रभावित है। फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के कुछ गांव भी चपेट में हैं। कुछ साल पहले तक जमींदार कहलाए जाने वाले किसान आज जमीन होते हुए भी रोटी के लिए मोहताज हैं।     मुक्तसर जिले के तहत थेहड़ी गांव निवासी परमजीत...

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पूर्वांचल में मासूमों की मौत का आंकड़ा 600 के पार

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्वाचल में इंसेफेलाइटिस से लगातार हो रही मासूमों की मौतों का आंकड़ा 602 तक पहुंच गया है। छह साल पहले पूर्वी उप्र में 602 मौते हुई थी। मासूमों की मौतों के सिलसिले के बीच राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग भी नींद से जागा है। आयोग की कोर कमेटी के अध्यक्ष डा. योगेश दूबे ने गोरखपुर के इंसेफेलाइटिस प्रभावित गांवों का दौरा किया। इस साल छह सौ मौतों के...

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मीडिया के खिलाफ लामबंदी : श्रवण गर्ग

मीडिया को लेकर देश के लगभग सभी राजनीतिक दल इस समय परेशान हैं। अधिकांश विपक्षी दल भी कम से कम इस एक मुद्दे पर तो सरकार के साथ हैं कि मीडिया पर लगाम लगाने की जरूरत है। सत्तारूढ़ सरकारें समय-समय पर मीडिया को कसने के प्रयोग करती रही हैं। आपातकाल के दौरान भी विपक्ष के पैरों में बेड़ियां व मीडिया के हाथों में चूड़ियां पहनाई गई थीं। मीडिया का एक प्रभावशाली वर्ग...

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विकास का विद्रूप- सुनील

राहुल गांधी ने पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के नौजवानों को फटकारते हुए जब कहा कि कब तक महाराष्ट्र में भीख मांगोगे और पंजाब में मजदूरी करोगे, तो कई लोगों को यह बात नागवार गुजरी। उनकी भाषा शायद ठीक नहीं थी। आखिर देश के अंदर रोजी-रोटी के लिए लोगों के एक जगह से दूसरी जगह जाने को भीख मांगना तो नहीं कहा जा सकता। वे अपनी मेहनत की रोटी खाते हैं, भीख या...

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