-सबरंग, डॉ भीमराव अम्बेडकर के अनुसार “किसी भी समाज की प्रगति का आकलन उस समाज में महिलाओं की प्रगति के द्वारा किया जा सकता है” लेकिन आज भी भारतीय समाज में औरतों ख़ास कर घुमंतू समाज के औरतों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. भारत सांस्कृतिक रूप से विविधता वाला देश है जिसमें विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक और आर्थिक पृष्ठभूमि वाले लोग रहते हैं. हर वर्ग में महिलाओं की स्थिति भिन्न तरीके से...
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बिहार के प्रवासी: दो वक़्त की रोटी के लिए दिल्ली में फँसी 'ज़िंदा क़ौमें'
-बीबीसी, ज़िंदा क़ौमें पाँच साल तक इंतज़ार नहीं करतीं. उत्तर पूर्वी दिल्ली के सोनिया विहार में दो दिन बिताने के बाद समाजवादी नेता डॉक्टर राम मनोहर लोहिया की कही ये बात बार-बार ज़हन में घूमती हैं. लोहिया का कहना था कि बुनियादी अधिकारों के लिए पाँच बरस तक इंतज़ार नहीं किया जा सकता लेकिन बिहार के लाखों प्रवासी न जाने कितने दशकों से इंतज़ार ही कर रहे हैं. वैसे तो बिहार के लोग पूरे...
More »क्या नदियां भी गाती है?
-इंडिया वाटर पोर्टल, डा.ओमप्रकाश भारती की पुस्तक नदियां गाती हैं - कोसी नदी का लोकसांस्कृतिक अध्ययन का द्वितीय संस्करण पढ़ रहा था, उसी झण टीवी पर खबर देखा, कोसी अंचल में जल प्रलय! और मैं कठिन समय में चला गया, जहाँ मेरे लिये दृश्यों के साथ शब्द थे। नादियां गाती हैं, डॉ. ओमप्रकाश भारती की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है जिसमें कोसी नदी के जीवन से संबंधित भूगोल, इतिहास और समाजशास्त्र को वैज्ञानिक...
More »यूपी-बिहार में दलित-राजनीति की दुर्गति!
-न्यूजक्लिक, उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों के लिए 9 नवम्बर को होने वाले चुनावों के समीकरण में अचानक एक दिलचस्प मोड़ नहीं आता तो भी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की भाजपा से बढ़ती नजदीकियां अब किसी से छिपी नहीं हैं! राष्ट्रीय राजनीति के बड़े सवालों की बात तो दूर रही, यूपी या देश के दूसरे हिस्सों में हाल के दिनों में दलित या व्यापक बहुजन समाज के उत्पीड़न की...
More »टाइम यूज सर्वे: महिलाओं के गले में बंधा है घर का चुल्हा चौंका और देखभाल का अवैतनिक काम
अन्य कई कारणों के अलावा, देश में पुरूषों के मुकाबले महिलाओं की कम श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) के पीछे एक कारण (अर्थशास्त्रियों के अनुसार) यह है कि युवा लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, जिसकी वजह से माध्यमिक और उच्च शैक्षिक स्तर पर महिलाओं के एनरोलमैंट में सुधार देखने को मिला है. इसका अर्थ यह है कि अधिक से अधिक भारतीय महिलाएँ अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए...
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