जनसत्ता 14 अप्रैल, 2014 : आंबेडकर ने कहा था, ‘मैं नहीं जानता कि इस दुनिया का क्या होगा, जब बेटियों का जन्म ही नहीं होगा। ’ स्त्री सरोकारों के प्रति डॉ भीमराव आंबेडकर का सर्मपण किसी जुनून से कम नहीं था। छियासी साल पहले, अट्ठाईस जुलाई 1928 के दिन, उन्होंने बंबई विधान परिषद में स्त्रियों के लिए प्रसूति से जुड़े पहलुओं से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया था। उसका...
More »SEARCH RESULT
नमक के नए दारोगा- विकास नारायण राय
जनसत्ता 11 अप्रैल, 2014 : संसाधन घोटालों (कोयला, लोहा, गैस, तेल, रेत, जल, जंगल, जमीन) से बोझिल राजनीतिक वातावरण में, देश के शासन का ईमानदारी से संचालन, 2014 के चुनावी घोषणापत्रों की एक प्रमुख थीम है। तीस हजार करोड़ रुपए चुनाव में दांव पर लगाने वाले राजनीतिकों में होड़ है कि अगला ‘नमक का दारोगा’ कौन बनेगा! नमक जैसे सुलभ पदार्थ को औपनिवेशिक लूट का जरिया बनाए जाने की पृष्ठभूमि...
More »चाय के लिए 5, मिड डे मील को 3.51
जमशेदपुर: स्कूलों में ड्रॉप आउट रोकने के लिए मिड डे मील योजना धरातल पर उतारी गयी. योजना के कारण स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ी, लेकिन बच्चों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता का अंदाजा महज इससे लगाया जा सकता है कि हर दिन पांचवीं तक के एक बच्चे के लिए 3 रुपये 51 पैसे और छठी से आठवीं तक के एक बच्चे के लिए सरकार 5 रुपये 25 पैसे देती है....
More »नरम दिल सहिया व कड़क मुखिया हैं पानो- वीरेन्द्र कुमार सिंह
सिंहभूम पूर्वी जिले के पोटका प्रखंड अंतर्गत पोटका पंचायत की मुखिया पानो सरदार को संपूर्ण प्रखंड क्षेत्र के लोग जानते हैं. पानो सरदार को लोग इसलिए नहीं जानते कि वह एक मुखिया हैं. बल्कि मुखिया से ज्यादा लोग उन्हें सहिया के रूप में जानते हैं. हालांकि पानो सरदार सरमंदा ग्राम पंचायत की सहिया हैं. परंतु प्रखंड की किसी भी पंचायत की सहिया व उनके क्षेत्रों के मरीजों की कोई समस्या हो तो...
More »नवउदारवाद से उपजी चुनौतियां- प्रभात पटनायक
जनसत्ता 22 फरवरी, 2014 : यूपीए सरकार और राजग सरकार और यहां तक कि ‘तीसरे मोर्चे’ की अल्पायु सरकार भी आर्थिक नीतियों के मामले में एक जैसी ही रहीं। आज भी, जब चुनावी विकल्प के रूप में राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी का शोरशराबा हो रहा है, आर्थिक नीतियों के स्तर पर शायद ही कोई बुनियादी फर्क हो। सच्चाई तो यह है कि मोदी खुद इस बात पर जोर देते...
More »