हर धर्म के मानने वाले अपने धर्म को सर्वश्रेष्ठ और न्यायपूर्ण मानते हैं। लेकिन तमाम धर्मों के नियमों पर पुरुष प्रधानता की गहरी छाप दिखाई देती है। जब भी महिलाओं ने अपने धर्म के नाम पर उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है, उन्हें जबर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ा है। अक्सर इस विरोध का नेतृत्व धर्मगुरुओं ने किया है। जहां प्रगतिशील पुरुषों की मदद से हिंदू...
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आज के समय में इन आवाजों को भी सुनें
बीसवीं सदी के अंतिम दशक से भारत में जो विकासराग आरंभ हुआ, उसकी कुछ अस्फुट ध्वनियां राजीव गांधी के कार्यकाल में 1986 से सुनी जा सकती हैं. अंतिम दशक में जो विकास-दृष्टि, नीति बनी, वह 25 वर्ष में कहीं अधिक शक्तिशाली हो चुकी है. इस राग ने सभी रागों को सुला दिया है. आकर्षक, लुभावने मुहावरों और शब्दजाल का जो सिलसिला डेढ़ वर्ष से जारी है, उसने हमारी चिंतन-प्रक्रिया को...
More »1.63 लाख नियोजित शिक्षकों का अब अटक जायेगा वेतन
परेशानी. 18 जिलों के डीपीओ के बैंक एकाउंट हुए लॉक पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों के 3.23 लाख में से करीब आधे 1.63 लाख नियोजित शिक्षकों को सरकार की ओर से राशि जारी करने के बाद भी वेतन नहीं मिल सकेगा. प्रारंभिक स्कूलों के 1.63 लाख नियोजित शिक्षक वैसे 18 जिलों से हैं जहां तक उनकी सैलरी का उपयोगिता प्रमाण पत्र अब तक नहीं आया है. शिक्षा विभाग ने संबंधित...
More »कई इलाकों में सूख गये कुएं...
रांची: राजधानी में जल संकट गंभीर रूप लेता जा रहा है. खास कर रातू रोड का इलाका गरमी के आने से पहले ही भीषण जल संकट से जूझ रहा है. जनवरी माह में ही कुएं का पानी पाताल छू रहा है. ऐसे में आनेवाले समय में क्या स्थिति हो सकती है, इसका अंदाज अभी से लगाया जा सकता है. रातू रोड के कुछ मुहल्लों में पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न...
More »इक्कीसवीं सदी दलितों की है-- चंद्रभान प्रसाद
दलितों का महत्व अचानक ही बढ़ गया है, तमाम राजनीतिक पार्टियां डॉ. भीमराव अंबेडकर की परंपरा को अपनाने का दावा करते हुए दलितों के साथ अपनापा स्थापित करने में लग गई हैं। संघ परिवार जैसा दलितों का घनघोर विरोधी संगठन भी अंबेडकर के पक्ष में खड़ा होने लगा है। इन बुनियादी तथ्यों पर जरा नजर दौड़ाइए- 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा ने 282 सीटें...
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