नई दिल्लीः सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी (पीएसयू) इंडिया पोस्ट ने घाटे के मामले में बीएसएनएल और एयर इंडिया को भी पीछे छोड़ दिया है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019 में कंपनी के राजस्व और ख़र्च के बीच का अंतर 15,000 करोड़ रुपये का है. इस तरह इंडिया पोस्ट का घाटा बीएसएनएल और एयर इंडिया के घाटे से अधिक है. वित्त वर्ष 2018 में बीएसएनएल को 8,000 करोड़ रुपये...
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99.8 फीसदी चुनावी बॉन्ड 10 लाख और एक करोड़ रुपये के ख़रीदे गए: आरटीआई
नई दिल्ली: सूचना का अधिकार (आरटीआई) आवेदन के जरिए खुलासा हुआ है कि मार्च 2018 से 24 जनवरी 2019 के बीच खरीदे गए कुल इलेक्टोरल बॉन्ड में से 99.8 फीसदी इलेक्टोरल बॉन्ड 10 लाख और एक करोड़ रुपये के थे. सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा दायर किए गए आरटीआई से पता चला है कि इस बीच कुल 1,407.09 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे गए थे जिसमें से 1,403.90 करोड़ रुपये के...
More »भारतीय जेलों में बंद 67 प्रतिशत कैदी विचाराधीन: एनसीआरबी रिपोर्ट
नई दिल्ली : देश की 1,400 जेलों में बंद 4.33 लाख कैदियों में से 67 प्रतिशत कैदी विचाराधीन हैं. इसके अलावा 1,942 बच्चे भी हैं जो अपनी माताओं के साथ जेल में रह रहे हैं. इस सप्ताह जारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) जेल आंकड़े-2016 से यह खुलासा हुआ है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर, 2016 तक कुल 4,33,003 कैदी जेल में बंद थे. इन कैदियों में 1,35,683 दोषी,...
More »जमैका के सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ के फैसले के ज़रिये आधार जैसी योजना को ख़ारिज किया
जमैका की सुप्रीम कोर्ट ने भारत के आधार जैसे ही ‘राष्ट्रीय पहचान और पंजीकरण अधिनियम' को गैर कानूनी करार देते हुए इसे खारिज कर दिया. खास बात ये है कि जमैका की कोर्ट ने इस फैसले में आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ द्वारा दिए गए डिसेंट (विरोध में दिया गया निर्णय) फैसले को उल्लेख किया है. मालूम हो कि 26 सितंबर 2018 को भारत के सुप्रीम कोर्ट...
More »आंबेडकर को जितना अस्वीकार वर्तमान राजनीति ने किया है, उतना किसी और ने नहीं किया
हमारे समय के सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों ने बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की प्रासंगिकता बढ़ा दी है. इधर हाल के कुछ वर्षों में डॉक्टर आंबेडकर को पढ़ने और समझने की चेतना विकसित हुई है. अब उन्हें कोई अनदेखा नहीं कर सकता है. भाजपा हो, कांग्रेस हो या मार्क्सवादी पार्टियां- डॉक्टर आंबेडकर के बिना वे चुनावी वैतरणी नहीं पार कर सकती हैं. लेकिन क्या डॉक्टर आंबेडकर को केवल चुनाव जीतने के लिए...
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