लंदन. दुनिया का सात अरबवां बच्चा हिंदुस्तान में नहीं, बल्कि 4764 किलोमीटर दूर मनीला में पैदा हुआ है। इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्रसंघ ने घोषणा कर दी है कि दुनिया की आबादी सात अरब हो गई है। संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा है कि विश्व की जनसंख्या सन 2100 तक 10 अरब तक पहुंच सकती है। इस दौरान जन्मदर में अनुमान से अलग, जरा भी वृद्धि हुई तो यह 15 अरब...
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सात अरब हुई आबादी: संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी- नहीं चेते तो भविष्य की नस्लें गरीबी, भुखमरी, हिं?
नई दिल्ली. दुनिया की आबादी 700 करोड़ यानी सात अरब हो गई है। यह इतनी बड़ी संख्या है कि अगर कोई बोल कर एक से 700 अरब तक की गिनती करे तो उसे 200 साल लग जाएंगे। 7 अरब कदमों से करीब 150 बार धरती की परिक्रमा की जा सकती है। तो, यह संख्या जितनी बड़ी है, उतनी ही गंभीर चुनौती दुनिया के लोगों के सामने भी आने वाली है। आज...
More »मनरेगा की सीबीआई जांच पर बिफरी माया, पीएम को पत्र
मनरेगा के क्रियान्वयन में अनियमितता की सीबीआई से जांच की मांग पर कडा़ एतराज जताया है और इस संबंध में पीएम को पत्र भेजा है। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम [मनरेगा] के क्रियान्वयन में राज्य में अनियमितता की शिकायत और इसकी केन्द्रीय जांच ब्यूरो [सीबीआई] से जांच की मांग पर कडा़ एतराज जताते हुए इस संबंध...
More »गरीबों की गिनती का सच : हर्ष मंदर
मानवीय अस्मिता के साथ जीवन बिताने के लिए किसी गरीब व्यक्ति को कितने पैसे की जरूरत हो सकती है? हम जिस समय में जी रहे हैं, उसमें ऐसा कभी-कभार ही होता है कि अखबारों के फ्रंट पेज और खबरिया चैनलों के प्राइम टाइम बुलेटिनों में यह सवाल सुर्खियों में आया हो। यह भी आम तौर पर नहीं होता कि इस पहेली ने मध्यवर्ग की चेतना को चुनौती दी हो। लेकिन जब...
More »इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप (2011)--- परिणाम घोषित
विकासशील समाज अध्ययन पीठ (सीएसडीएस) के इन्क्लूसिव मीडिया फैलोशिप के लिए देश भर से आठ पत्रकार चयनित हुए हैं। इसमें एक फैलोशिप का प्रायोजन देश के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले वाले स्वयंसेवी संगठन प्रथम के aser (एनुअल स्टेटस् ऑव एजुकेशन-रुरल) की तरफ से किया गया है। इन्कलूसिव मीडिया प्रोजेक्ट के अन्तर्गत मीडिया-रिसर्च का भी काम होता है, साथ ही भारत के ग्रामीण संकट...
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