जनसत्ता 3 जनवरी, 2012: विदेशी निवेश भूमंडलीकरण की नीति का हिस्सा है। इसीलिए खुदरा व्यापार को विदेशी पूंजी के हाथों में देने के केंद्र सरकार के फैसले का स्थगन परमाणु समझौते की तरह ही है। अमेरिका के साथ भारत के परमाणु समझौते की पूरी प्रक्रिया पर नजर दौड़ाएं तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में कह दिया था कि सरकार के पास यही एकमात्र एजेंडा नहीं है। यूपीए-एक सरकार का...
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पांच वर्षो में दोगुनी होगी पैदावार
पटना : पांच वर्षो में बिहार में खरीफ और रबी फसलों का उत्पादन दोगुना होगा. साथ ही राष्ट्रीय औसत से अनाज उत्पादन अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है. धान, गेहूं, दलहन, तिलहन और मक्का सहित सभी प्रकार के अनाज और सब्जी उत्पादन में न सिर्फ आत्मनिर्भरता हासिल होगी, बल्कि निर्यात भी किया जा सकेगा. शुरू होंगी नयी योजनाएं उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य में कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. कृषि...
More »भले ही बन जाए कानून, फिर भी दो करोड़ को नहीं मिलेगी रोटी!
भोपाल. लोकसभा में बीते सप्ताह पेश राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक गरीबों के लिए रोटी सुनिश्चित कर सकेगा, इसमें संदेह है। इसके पारित होने और कानून बनने के बाद भी प्रदेश के कम से कम 28 फीसदी जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। यानी करीब दो करोड़ लोगों को रोटी नसीब नहीं हो पाएगी। गरीबी के आंकड़ों के लिए एन्साइक्लोपीडिया मानी जाने वाली अर्जुन सेन गुप्ता समिति की रिपोर्ट के मुताबिक देश...
More »शिकायत निवारण और लोकपाल- पाणिनी आनंद
जनसत्ता 19 दिसंबर, 2011: अण्णा समूह द्वारा प्रस्तावित जन लोकपाल कानून के प्रारूप को लेकर जो चिंताएं सबसे ज्यादा गंभीर हैं उनमें से एक है शिकायत निवारण की व्यवस्था को इसी एक कानून में अंतर्निहित करना। ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ (आईएसी) की ओर से शिकायत निवारण की व्यवस्था को लेकर एक बार फिर नया सुर सुनने को मिल रहा है कि इसे सिटिजन चार्टर यानी नागरिक संहिता के जरिए देखा जाए और इसे...
More »पीड़ा के जंगल में आदिवासी- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 24 दिसंबर, 2011 : आजादी के बाद आदिवासी ने क्या हासिल किया, इस विषय पर राजस्थान के बूंदी में दो दिन की चर्चा थी। इस अवसर पर किसी वक्ता ने यह नहीं कहा कि अंग्रेजों के जाने के बाद आदिवासियों की जीवन-दशा में किसी किस्म का बुनियादी बदलाव आया है। फिर आदिवासियों की उम्मीद और इस व्यवस्था के प्रति भरोसे को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में...
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