प्रिय पाठक, नॉलेज गेटवे में आपका स्वागत है।अब अगर आपका सवाल है कि ये नॉलेज गेटवे है क्या? तो हमारा जवाब होगा कि दरअसल हम एक भंडारगृह बना रहे हैं; सूचनाओं का भंडारगृह। यहाँ आपकी भेंट किसी ‘खास विषय’ से जुड़ी ज़रूरी सूचनाओं से हो जाएगी। आपकी सहूलियत के लिए हमने नॉलेज गेटवे को कई खण्डों–उपखण्डों में बाँटा है। ये ‘सतत् विकास लक्ष्य’ नामक उपखंड है। खास बातें— पहले वैश्विक युद्ध के कारण मची...
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खनन और विस्थापन-दर्द की वही दास्तान हर जगह
भारत सरकार खनन-क्षेत्र की दक्षिण कोरियाई कंपनी पोस्को के उड़ीसा स्थित ५१ हजार करोड़ के इस्पात संयत्र के लिए कोई वैकल्पिक जगह आबंटित करने की जुगत में है क्योंकि सरकार को डर है कि अगर आदिवासियों को उनकी जमीन और जीविका छोड़ने के लिए जबर्दस्ती मजबूर किया गया तो परिणाम गंभीर होंगे।सरकार की योजना है कि कंपनी को उड़ीसा में ही कहीं और जमीन दे दी जाय ताकि उसे प्रान्त...
More »पंजाब के किसानों के लिए रासायनिक खेती छोड़ना क्यों कठिन है?
इंडियास्पेंड, 03 अप्रैल पंजाब के पश्चिमी फिरोजपुर जिले के सोहनगढ़ रट्टेवाला गांव के 63 वर्षीय अशोक कुमार ने 2012 में अपने तीन एकड़ खेत में जैविक खेती शुरू की थी। उन्होंने ऐसा अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छ पर्यावरण के लिए किया था। वह अपने परिवार के लिए भोजन तो उगाते ही थे, साथ ही में जैविक उत्पाद चाहने वाले लोगों के लिए बिक्री भी करते थे। 2016 तक उन्होंने अपने पूरे 16...
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