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लोकपाल: शिव सेना की नजर में 'बहके' रामदेव, जनता भी बाबा की राय के खिलाफ

शिवसेना ने पीएम को लोकपाल के दायरे में लाने के सवाल पर बाबा रामदेव की हैरानी को उनके 'बहकने' से जोड़ दिया है। पार्टी के मुखपत्र सामना में बुधवार को इस बारे में प्रकाशित खबर  का शीर्षक ही दिया गया है- बहके बाबा: लोकपाल पर गोलमाल। रिपोर्ट में कहा गया है कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अन्‍ना हजारे का साथ देने वाले रामदेव अब अलग राग अलाप रहे हैं। सिविल सोसायटी के लोग पीएम...

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यूपी में हजार करोड़ का छात्रवृत्ति घोटाला

लखनऊ। उत्तरप्रदेश में गरीब छात्रों की उच्च शिक्षा के लिए कॉलेजों को सरकार द्वारा दी जाने वाली फीस में लगभग एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है। सरकार ने इस मामले में गाजियाबाद व लखनऊ के कॉलेजों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस घोटाले की जांच के दायरे में निजी इंजीनियरिंग कालेज और व्यावसायिक शिक्षा संस्थान है। राज्य में विभिन्न तरह की 18 अरब रुपए की छात्रवृत्तियां बांटी...

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अकाल, भुखमरी इस देश में कई समुदायों की जीवनसाथी है- विनायक सेन से आशीष कुमार अंशु की बातचीत

विनायक सेन को लेकर मीडिया और समाज में दो तरह की छवि है। एक विनायक सेन, जिन्हें हमेशा देश के दुश्मन के तौर पर पेश किया जाता है, दूसरे विनायक सेन वे जो आदिवासियों के शुभचिंतक हैं और गरीब समाज के मसीहा हैं। दोनों विचार अतिवादी हैं। इस तरह एक आम भारतीय असमंजस की स्थिति में है कि वह इन दोनों में से किसे सच माने और किसे झूठ! यदि हम मीडिया की नजर...

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‘लोकपाल बिल पर बाबा के रवैये की आलोचना, अन्ना का समर्थन’

नई दिल्ली. बाबा रामदेव और समाजसेवी अन्ना हजारे में प्रधानमंत्री को लोकपाल बिल के दायरे में लाने को लेकर मतभेद हैं। लेकिन भास्कर डॉट कॉम के पाठकों ने इस मुद्दे पर समाजसेवी अन्ना हजारे का समर्थन किया है  और बाबा की आलोचना करते हुए कहा है कि  बाबा कभी- कभी सरकार और कांग्रेस की भाषा बोलने लगते हैं। उनका मानना है कि प्रधानमंत्री को भी लोकपाल बिल के दायरे में लाया जाना चाहिए।...

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जन्म से बंधी सामाजिक बेड़ियां : हर्ष मंदर

लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...

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