इस महीने की शुरुआत में द्रमुक सुप्रीमो एम के करुणानिधि का 94वां जन्मदिन मनाया गया। जश्न के लिए तमाम विपक्षी नेता उस दिन चेन्नई में जमा हुए, लेकिन जल्द ही यह जश्न प्रधानमंत्री मोदी, उनकी ‘जन-विरोधी' नीतियों और हिंदुत्व की राजनीति पर हमले का मंच बन गया। हालांकि बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने ऐसे किसी विवाद से बचने की पूरी कोशिश की। उन्होंने...
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रोजगार सृजन की चुनौती--- अरविन्द जयतिलक
देश की अर्थव्यवस्था भले ही कई देशों के मुकाबले दोगुनी वृद्धि कर रही हो लेकिन युवाओं के लिए रोजगार सृजित करने के मामले में देश पिछड़ रहा है। हाल ही में आर्थिक सहयोग तथा विकास संगठन की ताजा रिपोर्ट ने बताया है कि देश में पंद्रह से उनतीस वर्ष के तीस प्रतिशत से अधिक युवाओं के पास रोजगार नहीं है। पिछले वर्ष श्रम मंत्रालय की इकाई श्रम ब्यूरो के रिपोर्ट...
More »कब उदार रहे हैं हम!-- आकार पटेल
नरेंद्र मोदी सरकार पर यह गलत आरोप लगाया जाता है कि वे भारत को एक तरह के उग्र या अनुदार राष्ट्र में बदल रहे हैं. अनुदार का मतलब असहिष्णु तथा अभिव्यक्ति और कर्म की आजादी पर को सीमित करने का समर्थन करना होता है. मैं कहता हूं कि इस सरकार पर अनुदार होने के गलत आरोप लगते हैं, क्योंकि तथ्य बताते हैं कि भारत की सरकार कभी भी बहुत उदार...
More »विकास की बड़ी जिम्मेदारी है इस आयोग पर-- एन के सिंह
तीन साल पहले योजना आयोग को खत्म करके उसकी जगह एक थिंक टैंक के तौर पर नीति आयोग का गठन किया गया था। आलोचक यह सवाल अब तक उठाते हैं कि क्या यह बदलाव मुनासिब साबित हुआ? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने से पहले यह बताना चाहूंगा कि योजना आयोग के तीन बुनियादी काम थे। पहला, केंद्र और राज्यों के बीच सेतु का काम करना। दूसरा, हमारी विकास संबंधी नीतियों...
More »नदी जोड़ योजना पर पुनर्विचार जरूरी-- पंकज चतुर्वेदी
अभी केंद्र सरकार ने तय कर दिया है कि भारत पेरिस जलवायु समझौते पर अमल करेगा और अपने यहां कार्बन उत्सर्जन घटाने पर गंभीरता से काम करेगा। ठीक उसी समय हुक्मरान तय कर चुके हैं कि देश में नदियों को जोड़ने की परियोजना लागू करना ही है और उसकी शुरुआत बुंदेलखंड से होगी जहां केन व बेतवा को जोड़ा जाएगा। असल में आम आदमी नदियों को जोड़ने का अर्थ समझता...
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