SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1042

ग़ैरक़ानूनी गिरफ़्तारी से क़ानूनी गिरफ़्तारी के बीच प्रो. आनंद तेलतुम्बड़े

जैसा कि हम जानते हैं, पुणे की स्थानीय अदालत द्वारा प्रोफेसर आनंद तेलतुम्बड़े की अग्रिम ज़मानत की अर्ज़ी को ख़ारिज किये जाने के बाद बीते दो फरवरी की सुबह 3:30 बजे उन्हें मुंबई एअरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था जिसे अदालत ने ग़ैरक़ानूनी क़रार दिया और दोपहर बाद वे छोड़ दिए गए. पुणे पुलिस की यह जल्दबाज़ी हैरान करने वाली थी क्योंकि प्रो. तेलतुम्बड़े को सर्वोच्च न्यायालय ने ज़मानत लेने...

More »

एनआरसी प्रक्रिया को बर्बाद करना चाहती है केंद्र सरकार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) प्रक्रिया के लिए असम में तैनात केंद्रीय बलों को लोकसभा चुनावों के लिए वापस बुलाने के निवेदन पर मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) को फटकार लगाई. गृह मंत्रालय की मांग पर नाराजगी जाहिर करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि केंद्र एनआरसी प्रक्रिया को पूरी तरह से बर्बाद करने पर लगा हुआ है. शीर्ष अदालत ने चुनाव ड्यूटी में...

More »

बंगाल की खाड़ी से बवंडर-- मृणाल पांडे

मूल मंशा चाहे जो रही हो, केंद्र से आये सीबीआई के जत्थे का यकायक कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर पर नाटकीय धावा बोल देना बंगाल की खाड़ी से उठा एक बीहड़ बवंडर दिख रहा है. इसने देखते-देखते सारे देश को गिरफ्त में लेकर समूचे विपक्ष को ममता के पक्ष और केंद्र के खिलाफ लामबंद कर दिया है. यदि पता होता कि पांच साल पुराने मामले की जांच...

More »

अदालत ने आनंद तेलतुम्बड़े की गिरफ़्तारी को ग़ैरक़ानूनी कहा, रिहा करने का आदेश

पुणे: पुणे की सत्र अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद् आनंद तेलतुम्बड़े की गिरफ़्तारी को ग़ैरक़ानूनी बताते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया है. एल्गार परिषद/भीमा-कोरेगांव हिंसा में कथित भूमिका और माओवादियों से कथित संबंधों के मामले में पुणे पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम सुरक्षा के बावजूद शनिवार को आनंद तेलतुम्बड़े को गिरफ्तार कर लिया. शनिवार तड़के 3:30 बजे महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने उन्हें मुंबई से गिरफ़्तार...

More »

खुद की अदालत में मीडिया-- मृणाल पांडे

हमारे साहित्य या मीडिया में खुद अपने भीतरी जीवन की सच्चाई जिक्री तौर से ज्यादा, फिक्री तौर से कम आती है. मसलन दर्शक-पाठक भली तरह जान चुके हैं कि मीडिया के भीतर कैसी मानवीय व्यवस्थाएं हैं, खबरें कैसे जमा या ब्रेक होती हैं. पत्रकारों के बीच एक्सक्लूसिव खबर देने के लिए कैसी तगड़ी स्पर्धा होती है. लेकिन, पिछले दो दशकों में उपन्यासों, कहानियों या मीडिया पर लिखे जानेवाले काॅलमों में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close