-द बेटर इंडिया, ज़रा सोचिये कि आपके सामने बिहार के एक ऐसे अस्पताल का दृश्य है जहाँ एक स्वीपर बिना गल्व्ज के डिलीवरी करा रहा है, आस पास कुत्ते घूम रहे हैं, वहीं डिलीवरी के लिए नवजात शिशु को साफ करने के लिए उसकी ही माँ का पेटीकोट फाड़कर इस्तेमाल किया जा रहा है, इतना ही नहीं डिलीवरी रूम के बाहर बायोमेडिकल कचरा पड़ा है जहाँ से भयाकर बदबू आ रही...
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कोविड-19 : 70 रुपए की दवा मिल रही 40 हजार में, मजबूरों को लूट रहीं सरकार और फार्मा कंपनी?
-कारवां, जिस तेजी के साथ कोरोनावायरस महामारी देश के कोने-कोने फैलती जा रही है उसे देखते हुए कह सकते हैं कि अगले कुछ हफ्तों में भारत को गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. अप्रैल और मई में नरेन्द्र मोदी सरकार की परीक्षण पर प्रतिबंधित की नीति ने महामारी को बढ़ा दिया है और जुलाई आते-आते देश के अस्पतालों को इसका सबसे बुरा प्रकोप झेलना पड़ रहा है. जून में कोरोनोवायरस...
More »भारत में पुलिसिया न्याय का अंतहीन अध्याय
-न्यूजलॉन्ड्री, वैसे तो अंग्रेजों के द्वारा बनायी और उसी समय के पुलिस एक्ट से चल रही भारतीय पुलिस हर रोज अपनी क्रूरता, निरंकुशता एवं कानून विरोधी गतिविधियों के लिए खबरों एवं चर्चा में बनी रहती है परन्तु हाल में अमेरिका में जॉन फ्लायड की पुलिस द्वारा निर्मम हत्या के सन्दर्भ में यह बात चर्चा आयी थी कि कैसे भारत में भी पुलिस ने दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान घायल नवयुवकों...
More »सोशल मीडिया पर कोरोना का ‘पीक’ आकर जाने की बात पर न करें यकीन, इस वायरस का कोई भरोसा नहीं
द प्रिंट, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राजधानी में कोविड-19 के मामलों की स्थिति पहले से बेहतर है. उन्होंने लोगों से लापरवाही न बरतने की अपील की और कहा कि आने वाले दिनों में कोरोनावायरस कौन सा रूप लेगा ये किसी को नहीं पता. केजरीवाल ने कहा, ‘कुछ जानकार सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि दिल्ली में पीक आकर चला गया है. लेकिन मेरी गुज़ारिश है किसी तरह...
More »फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ
-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...
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