नई दिल्ली। देश में पिछले साल की तुलना में साल 2017 में डेंगू के 11,832 मामले अधिक दर्ज किए गए हैं। वेक्टर से पैदा होने वाली बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 46 हो गई है, जो पिछले साल की तुलना में 11 अधिक है। नेशनल वेक्टर बोर्न डिसीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के निदेशालय के मुताबिक, 30 जुलाई 2016 तक देश में कुल डेंगू के मामले 16,870 थे और साल...
More »SEARCH RESULT
देश में सामान्य से 5% ज्यादा बारिश: 12 राज्यों में बाढ़, गुजरात-राजस्थान में अलर्ट
नई दिल्ली.देशभर में अब तक सामान्य से 5% ज्यादा बारिश हुई है। दक्षिण पश्चिम मानसून ने पूरे देश को कवर कर लिया है। गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम और झारखंड में बारिश आफत बन गई है। बाढ़ के चलते गुजरात और राजस्थान हाईअलर्ट पर हैं। यहां युद्धस्तर पर रेस्क्यू कार्य जारी है। नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात में बाढ़ का जायजा भी लिया। मौसम विभाग ने 27 से...
More »बाढ़ की चपेट में आधा हिंदुस्तानः डूबी खेती, 120 रुपये किलो बिक रहा टमाटर, प्याज भी कतार में...!
नयी दिल्लीः बीते तीन-चार दिनों से लगातार घटाटोप बारिश का दौर जारी है. इस वजह से फिलहाल करीब-करीब आधा हिंदुस्तान बाढ़ की चपेट में है. लगातार हो रही बारिश खरीफ फसलों की बुआर्इ करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद है, लेेकिन सब्जियों खेती करने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसकी वजह यह है कि बारिश के पानी में सब्जियों की आवक मंडियाें तक कम हो गयी है,...
More »गोरक्षकों की कारगुजारियों का काला चिट्ठा खोल रहा विकिपीडिया
गूगल सर्च इंजन भूमंडलीकरण आैर डिजिटाइजेशन के इस युग में दुनियाभर के लोगों में काफी लोकप्रिय है. किसी भी चीज के बारे में जानकारी हासिल करनी हो, तो गूगल सर्च इंजन पर बनाया गया विकिपीडिया काफी उपयोगी साबित होता है. पहले विकिपीडिया गूगल की आेर से ही तैयार किया जाता था, लेकिन अब लोग खुद भी गूगल पर विकिपीडिया बना सकते हैं. सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महारत हासिल करने वालों का...
More »गोरखालैंड की सियासत-- रशीद किदवई
दार्जीलिंग की सड़कों पर अंगरेजी और नेपाली में लगाये जा रहे हैं- 'वी वांट गोरखालैंड. गोरखालैंड-गोरखालैंड. गोरखालैंड चाहिन छ. चाहिन छ-चाहिन छ. हामरौ मांग गोरखालैंड.' इन्हीं नारों के बीच पश्चिम बंगाल इन दिनों गोरखालैंड की आग में जल रहा है. दरअसल, इस हिंसा और आगजनी के पीछे भाषाई राज्य की कल्पना है जिसने एक आंदोलन का रूप ले लिया है. पिछले सौ वर्षों से जारी गोरखालैंड की मांग को खुद...
More »