नयी दिल्ली : पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के संशोधित आंकड़ों को जारी करने में नीति आयोग की भूमिका को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. सरकार के ही कुछ लोगों का मानना है कि इस घोषणा से नीति आयोग को अलग रखकर विवाद से बचा जा सकता था. नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और मुख्य...
More »SEARCH RESULT
किसानों का मार्च (पार्ट-2): जमीन पर बेकार हैं कृषि नीतियां, मौजूदा सिस्टम में बड़े बदलाव की जरूरत
कृषि-संकट कोई अचानक आ धमका हो ऐसी बात नहीं. जैसा कि नीति आयोग के एक रिपोर्ट में कहा गया है, समस्या की शुरुआत 1991-92 से होती है- इससे पहले अर्थव्यवस्था के खेतिहर और गैर-खेतिहर क्षेत्र समान गति से बढ़ रहे थे. साल 1991-92 के बाद गैर-खेतिहर क्षेत्र ने ऊंची वृद्धि-दर की राह पकड़ी. यह आर्थिक उदारीकरण का दौर था. गैर-खेतिहर क्षेत्र की वृद्धि दर 8 फीसदी के पार पहुंच रही...
More »मी टू अभियान: यौन हिंसा की पीड़ित महिलाएं इतनी देर चुप क्यों रहीं, पढ़िए इस न्यूज एलर्ट में
क्या आप भारत में किसी आंधी की तरह दस्तक दे चुके मी टू अभियान की ‘आपबीतियों' को गौर से पढ़ रहे हैं ? और, क्या आपको भी यह सवाल परेशान कर रहा है कि यौन-दुर्व्यवहार की ‘आपबीती' सुनाने में में इस अभियान की पीड़ित महिलाओं ने इतनी देर क्यों की? मी टू अभियान को लेकर आपके ऐसे कई सवालों का संभावित जवाब एक सरकारी दस्तावेज में दर्ज है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (एनएफएचएस-4) के तथ्य संकेत करते...
More »रिपोर्ट को नहीं अपने धुएं को देखें-- अनिल प्रकाश जोशी
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र के अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) की रिपोर्ट उस समय आई है, जब हमारे सिर पर कई खतरे मंडरा रहे हैं। दिल्ली का बढ़ता वायु प्रदूषण फिर एक बार हमारी नीतियों पर सवाल खड़े कर रहा है। हरियाणा, पंजाब की पराली का धुआं फिर पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का गला घोंटने को तैयार है। पराली को जलाने की बजाय अन्य उपयोगों में लाने की कवायद असफल होती...
More »मुद्रास्फीति पर निगरानी की नकेल- जगदीश रतनानी
नीतिगत रेपो दर में वृद्धि के दो चक्रों के बाद, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने इस बार एक विराम-सा लेकर उसके द्वारा बैंकों को दिये जानेवाले अल्प अवधि के ऋणों हेतु उनसे लिये जानेवाले ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित ही छोड़ दिया. ज्ञातव्य है कि इस दर में होनेवाला कोई बदलाव एक अरसे बाद अंततः बैंक से ऋण लेनेवालों को लगनेवाली ब्याज दर में...
More »