यह चिंताजनक है कि कृषि प्रधान देश भारत में पशुपालन के प्रति लोगों की अरुचि बढ़ती जा रही है। मवेशियों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। आजादी के बाद से 1992 तक देश में मवेशियों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। लेकिन उसके बाद इनकी संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। 2007 में पशुओं की संख्या में मामूली वृद्धि हुई थी लेकिन उसके बाद इनकी...
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छोटे कदमों से बड़े बदलाव-- वरुण गांधी
कायदे से तो भारत के गांवों में कोई परेशानी ही नहीं होनी चाहिए थी- आखिर कृषियोग्य भूमि के मामले में हमारा देश दुनिया में दूसरे स्थान पर है. लेकिन, उपजाऊ जमीन के एक तिहाई पर ही सिंचाई की सुविधा है, बाकी क्षेत्र बारिश पर निर्भर है. छोटी होती जोत और खेती की बढ़ती लागत से किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2014 से 17 के...
More »प्रोत्साहन पैकेज के फायदे -- संदीप बामजई
कृषि, आवास निर्माण क्षेत्र, रेलवे, सड़क, आदि में इस पैकेज के इस्तेमाल से जीडीपी की दर अच्छी हो जायेगी. अगर सरकार अभी पैकेज का ऐलान करती है, तो उम्मीद है कि अगले साल की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च 2018) में हमारी जीडीपी छह प्रतिशत को पार कर सकती है. बीते बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार की नजर अर्थव्यवस्था पर है और...
More »बड़े बांध का बड़ा विरोध-- नवीन जोशी
कई तकनीकी एवं कानूनी रुकावटों और लंबे जन-आंदोलनों के बावजूद सरदार सरोवर बांध अंतत: अपनी पूरी ऊंचाई के साथ हकीकत बन गया. मगर ‘एक आदिवासी के विस्थापन की तुलना में सात आदिवासियों को लाभ पहुंचाने' के दावे वाले, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े इस बांध के उद्घाटन के साथ बड़े बांधों के व्यापक नुकसान की चर्चा थम नहीं गयी है. बड़े बांधों के खिलाफ आवाज बुलंद करनेवालों के तेवर और...
More »कर्जमाफी की दुश्वारियां-- कृष्णप्रताप सिंह
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले मार्च में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत से सत्ता में आई भाजपा सरकार छह महीने की होते-होते कई तरह की मुसीबतों से घिर गई है। गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में मासूमों की मौतों को लेकर हुई सरकार की किरकिरी पूरे देश में चर्चा का विषय बनी थी। अब उत्तर प्रदेश सरकार की बहुप्रचारित किसान ऋणमोचन योजना भी एक...
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