कच्चे माल की मांग का बढ़कर सिर चकरा देने वाले 1.6 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाने को लेकर पड़ने वाले पर्यावरण के प्रभावों का अभी तक आकलन ही नहीं किया गया है। इतना सारा बाक्साइट कहां से आएगा? इसके लिए कितनी नई खदानों की जरूरत होगी? कितना अतिरिक्त जंगल काटा जाएगा? कितना पानी निगल लिया जाएगा, कितना साफ पानी भयानक गंदा हो जाएगा?पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उड़ीसा...
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सिर्फ 46 साल का बचा आयरन ओर
जमशेदपुर, जागरण प्रतिनिधि : पूरे विश्व में मात्र 46 वर्ष तक की जरूरत पूरी करने लायक ही आयरन ओर बचा है। ऐसे में लो ग्रेड ओर से अधिकाधिक आयरन रिकवरी की तकनीक विकसित करने की चुनौती वैज्ञानिकों के सामने है। नेशनल मेटलर्जिकल लेबोरेट्री (एनएमएल) में मिनरल प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी (एमपीटी) पर आयोजित तीन दिवसीय इंटरनेशनल सेमिनार के दूसरे दिन लौह खनिज के घटते भंडार की चुनौती से निपटने को लो ग्रेड ओर...
More »सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर बने नई खनन नीति- राजेन्द्र अभ्यंकर
वेदांत, पोस्को और सिंधुदुर्ग। इन तीनों मामलों में मुद्दा एक ही है-खनन और संसाधन आधारित उद्योग के लिए एक सुविचारित नीति की आवश्यकता। पिछले दिनों सरकार ने उड़ीसा के पिछड़े कालाहांडी जिले में नियमगिरि पहाडिय़ों पर वेदांत को दी गई खनन की अनुमति वापस लेने का फैसला किया। उधर, उड़ीसा में पोस्को लौह अयस्क परियोजना पर गुप्ता समिति ने एक तरह से विभाजित फैसला दिया। इसके अलावा पश्चिमी घाट क्षेत्र...
More »माइंस एंड मिनरल्स एक्ट पर हामी भरी
रांची : झारखंड सरकार ने केंद्र के प्रस्तावित माइंस एंड मिनरल्स (साइंटिफिक डेवलपमेंट एंड रेग्यूलेशन) एक्ट पर अपनी पूर्ण सहमति दे दी है. केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष 24 जून को लाये इस कानून में सभी खनिजबहुल राज्यों से अपनी टिप्पणी मांगी थी. देश भर में खनिज पट्टों के आवंटन पर एकरूपता लाने के लिए केंद्र ने पूर्व के एमएमडीआर एक्ट में संशोधन किया है. इस पर झारखंड समेत असम, छत्तीसगढ़,...
More »वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी
विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...
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