बिहार और झारखंड जैसे राज्यों के सामने आनेवाले साल में क्या चुनौतियां हैं? विडंबना यह है कि प्राकृतिक संपदा और उपजाऊ जमीन के बावजूद ये राज्य भारत के सबसे गरीब राज्यों में आते हैं. कमाल की बात यह है कि यहां के मानव संसाधन का लोहा दुनिया मानती है. कई विद्वानों के लिए यह एक पहेली है. मुझे याद है कि लंदन स्कूल ऑफ इकोनाॅमिक्स के प्रो जॉन हैरिस ने...
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ताकि बची रहें नदियां-- पत्रलेखा चटर्जी
दुनिया के सबसे प्रसिद्ध पर्यावरणविदों में से एक और दिल्ली स्थित विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की महानिदेशक सुनीता नारायण जीवंत किंवदंतियों में से एक हैं। हाल ही में सुनीता नारायण से मेरी मुलाकात हुई, हालांकि मैं उन्हें बीती सदी के नब्बे के दशक से ही जानती हूं। सुनीता नारायण की नई किताब कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट हाल ही में प्रकाशित हुई हैं, जिसमें भारत के हरित आंदोलन के माध्यम से...
More »कृषि संकट के बीच उम्मीद की नई कोपलें - देविंदर शर्मा
नए वर्ष की तरफ बढ़ते हुए कुछ ऐसे कदमों से शुरुआत करते हैं, जो कृषि के क्षेत्र में छोटी ही सही, लेकिन उम्मीद बंध्ााते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि वह किसानों को मुफ्त में कृषि आदान जैसे बीज और फर्टिलाइजर वगैरह देगी ताकि लागत कम हो सके। मध्य प्रदेश में भावांतर योजना आरंभ हुई ताकि किसानों को समर्थन मूल्य व उनके विक्रय मूल्य के अंतर...
More »बिहार : प्राइमरी स्कूलों में एडमिशन लिये आधे बच्चे ही आते हैं पढ़ने
पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में एडमिशन लिये बच्चों में आधे से कम बच्चे ही नियमित रूप से स्कूल आते हैं. कोई बच्चा दो-तीन दिन नियमित रूप से आ गया तो अगले एक-दो दिन वे स्कूल से गायब हो जाता है. इसका खुलासा प्रारंभिक स्कूलों में बांटी जाने वाली पोशाक योजना की राशि के लिए छात्रों के नामों की लिस्टिंग से हुई है. प्रारंभिक स्कूलों में नामांकित 2.14 करोड़...
More »उत्तराखंड: सवर्ण जाति के डर से दलितों ने छोड़ा गांव, ब्लॉक मुख्यालय में ली शरण
उत्तराखंड के टिहरी जिले में एक दूरस्थ गांव गंगी में दो गुटों के बीच हुए संघर्ष के बाद एक दलित युवक गायब हो गया जिससे घबराकर दहशत में आए 30 दलितों ने घर छोड़ दिया और ब्लाक मुख्यालय में शरण ले ली। घनसाली के पुलिस थानाध्यक्ष मुहम्मद अकरम ने बताया, "हाल में एक मामूली बात पर दो गुटों में हुए संघर्ष के बाद महिलाओं और बच्चों समेत गंगी गांव के...
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