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मंहगाई में गिरावट के बावजूद मिडिल क्लास कर रहा मुश्किलों का सामना

नई दिल्ली। मंहगाई में गिरावट आने के बावजूद दैनिक उपभोग की कई वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतें बढऩे से देश का मध्यम वर्ग मुश्किलों का सामना कर रहा है।  वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम ने कहा कि दलहनों, तैयार खाद्य पदार्थ, स्नैक्स आदि की कीमतें बढऩे के साथ ही वस्त्र, घर का किराया, शिक्षा और स्वास्थ्य के महंगा होने से मध्यम वर्ग की मुश्किलें बढ़ गई है। उसने कहा कि खुदरा स्तर पर...

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इन टीचर्स को भी झेलनी पड़ सकती हैं ‌श‌िक्षाम‌ित्रों जैसी मुश्क‌िलें

कहते हैं दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। हाईकोर्ट से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद राज्य सरकार के अधीन काम करने वाला न्याय विभाग बहुत ही फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। इसीलिए विभागों से मांगी जाने वाली राय अब बहुत सोच-विचार के बाद दे रहा है। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में वर्ष 2000 तक रखे गए 1934 तदर्थ शिक्षकों को स्थाई...

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भारत में हर साल बढ़ रही है बीफ की खपत

मल्‍टीमीडिया डेस्‍क। देश में गौमांस को लेकर जारी विवाद तथा राजनीति के बीच राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के ताजा आंकड़े कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। सांख्यिकी विभाग और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के अधीन आने वाले एनएसएसओ के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बीफ की खपत लगातार बढ़ रही है। रिपोर्ट कहती है कि भारत के ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में बीफ को प्रोटीन के प्रमुख स्रोत के रूप में...

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इनाम और ओहदे लौटाने से क्या होगा? - विष्‍णु खरे

1954-55 में जब भारत सरकार ने साहित्य अकादेमी की स्थापना की थी तब देश में कांग्रेस का शासन था। उसके संस्थापक-पितरों में जवाहरलाल नेहरू, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. जाकिर हुसैन जैसे राजनीतिक-सांस्कृतिक युगनिर्माता थे। बाद में कभी इंदिरा गांधी भी अकादेमी की सदस्य रहीं, जब वे केंद्रीय सूचना तथा प्रसारण मंत्री थीं। अकादेमी के संस्थापक-सचिव कृष्ण कृपालाणी थे, जो रबींद्रनाथ ठाकुर की एकमात्र संतान नंदिता के...

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शौचालय नहीं था इसलिए छोड़ दिया पिया का घर!

अरविन्द शर्मा, इटारसी(मध्‍यप्रदेश)। अपनी ससुराल में शौचालय न होने से तंग आकर एक विवाहिता पिछले दो साल से पिया का घर छोड़कर अपने पीहर (मायके) में रहने को मजबूर है। पति के साथ सात फेरे लेकर हर विवाहिता यह वचन लेकर जाती है कि अर्थी उठने तक वह अपने पिया के घर ही रहेगी, लेकिन शाहपुर तहसील के ग्राम पतौआपुरा में ब्याही एक नवविवाहिता को पक्का शौचालय न होने से...

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