भोपाल. प्रदेश सरकार ने जलसंकट से निपटने के लिए बीते एक दशक में कई योजनाएं चलाईं, खूब ढिंढोरा भी पीटा.. अरबों रुपए खर्च कर दिए गए, लेकिन नतीजा शून्य। जलसंकट कम होने के बजाय दिनोदिन गहराता जा रहा है। पानी पाताल में पहुंच चुका है। ये हालात एक-दो जिलों के नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के हैं। दूसरी ओर विभागीय मंत्री ये मानने को तैयार नहीं कि योजनाएं फ्लाप हो गईं।...
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नदियां बन गयीं नाला कैसे रुकेगा पानी
रांची : कंकरीट का बढ़ता जंगल जीवन देनेवाले जलस्रोतों को नुकसान पहुंचा रहा है. प्राकृतिक जल चक्र पूरा नहीं हो पा रहा है. बादल नहीं बन रहे हैं. नदियों का प्रवाह रुक गया है. अधिकतर नदियों ने बरसाती नालों का प ले लिया है. नदियों के किनारों पर कभी दिखाई देनेवाली हरियाली गायब हो गयी है. आलम यह है कि नदियों के आसपास के क्षेत्रों में भी भूमिगत जलस्रोत पाताल तक पहुंच गये हैं. कई...
More »बारिश न होने से खेती प्रभावित
कोलकाता। एक तो गर्मी उस पर जल का अभाव, मानों जिलों में किसानों पर कहर टूट पड़ा हो। गर्मी बढ़ने व बारिश नहीं होने से जिलों में धान व सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। जल के अभाव में सब्जियां खेत में ही सूख जा रही हैं, जबकि धान की सिंचाई को भी पर्याप्त जल नहीं मिल रहा है। अत्यधिक गर्मी की वजह से परवल, करैला, झींगा, मिर्च आदि के पौधों के...
More »पानी रे पानी..मचा हाहाकार, लाचार सरकार
पिछले दिनों देश की ओर्थक राजधानी मुंबई में पानी चोरी के आरोप में एक महिला को कालिख पोता गया. विगत माह मध्यप्रदेश के उज्जन में एक विचित्र घटना घटी. पानी के लिए गोलीबारी हुई, फिर पानी की पहरेदारी के लिए पुलिस को तैनात कर दिया गया. यह उस देश का हाल है, जहां गंगा समेत कई सदानीरा नदियां सदियों से बहती रही हैं. इधर गरमी ने दस्तक दे दी है. मार्च में ही मई-जून...
More »स्नेह के स्पर्श से जी उठी कोसी
देहरादून, [अरविंद शेखर]। इंसानी करतूतों से पल-पल मरती कोसी के लिए उम्मीद की लौ करीब-करीब बुझ चुकी थी। कभी कोसी नदी की इठलाती-बलखाती लहरों में मात्र स्पंदन ही शेष था। यह तय था कि नदी को जीवनदान देना किसी के वश में नहीं। इन हालात में कोसी को संजीवनी देने का संकल्प लिया इलाके की मुट्ठीभर ग्रामीण महिलाओं ने। नतीजतन आज कोसी के आचल फिर लहरा रहा है। आसपास के इलाके में हरियाली लौट आई है।...
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