निजी क्षेत्र की भागीदारी से खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम बनाने के काम में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन खराब है। खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की प्राइवेट इंटरप्रिन्योर्स गारंटी (पीईजी) स्कीम में गोदाम बनाने की प्रगति पर पीएमओ को भेजे स्टेटस नोट में मंत्रालय ने कहा है कि बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश...
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पिछड़ेपन के मानकों को बदलने की प्रक्रिया शुरू
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। बिहार समेत कई और राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए पिछडे़पन के मानकों को बदलने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई। मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की पहली ही बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि सरकार के पूर्व के मानकों से अलग आधार चिन्हित किए जाएंगे। समिति की अगली बैठक 12 जून को होगी। बैठक...
More »इस साल बीआरजीएफ में बिहार को मिल सकते हैं 2000 करोड़
नई दिल्ली [नितिन प्रधान]। बिहार के पिछड़े इलाकों के विकास के लिए साल 2013-14 में 2000 करोड़ रुपये की राशि मिल सकती है। इस राशि पर योजना आयोग और बिहार सरकार के बीच मोटे तौर पर सहमति बन गई है। बुधवार को बिहार की 34000 करोड़ रुपये की सालाना योजना तय करने के लिए होने वाली बैठक में बीआरजीएफ [बैकवर्ड रीजन ग्रांट फंड] की राशि को भी मंजूरी मिलने की...
More »भूमि अधिग्रहण और आदिवासी
जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...
More »आरक्षण की उलझन- योगेश अटल
जनसत्ता 20 अप्रैल, 2013: अब आरक्षण से जुड़ा आज का प्रश्न। नए भारत का संविधान रचने वालों ने प्रारंभ में इसकी आवश्यकता को नहीं स्वीकारा। कहा जाता है कि खुद आंबेडकर इसके पक्ष में नहीं थे। बड़े संकोच के साथ उन्होंने इस सुझाव को सम्मिलित किया और वह भी केवल चुनिंदा समूहों के लिए और प्रारंभ के कुछ वर्षों के लिए। आरक्षण का प्रावधान उन जातियों और आदिवासी समूहों के...
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