अधिकांश विदेशी राजनयिकों और आर्थिक विशेषज्ञों की सोच है कि व्यापार सुगमता समझौता (टीएफए) पर तब तक हस्ताक्षर न करने की बात कहकर, जब तक कि खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में एक अरब भारतीयों की चिंता दूर नहीं कर दी जाती, भाजपा ने अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की भारत यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिया बयान स्थितियां स्पष्ट...
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इजरायली केले और ताइवानी पपीते को भा गई छत्तीसगढ़ की आबोहवा
नारायणपुर। जिले में इजरायली प्रजाति के केले और ताइवानी प्रजाति के पपीते को यहां की आबोहवा भा गई है। अच्छा उत्पादन देने वाली इन प्रजातियों के फलों से किसानों को काफी फायदा हो रहा है। शुरू में इसे प्रयोग के तौर पर यहां लाया गया था। तीन साल में इसका रिजल्ट आ गया। इजरायली प्रजाति के केले का उत्पादन अच्छा होने लगा है। इसी तरह ताइवानी पपीते के पौधों की डिमाण्ड...
More »किसे है जीएम फसलों की जरूरत? - देविंदर शर्मा
गिल्स-एरिक सेरालिनी फ्रांस के नोर्मांडी में स्थित काएन यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक हैं। दो साल पहले, वर्ष 2012 में उनके एक शोध पत्र ने वैज्ञानिक जगत में खलबली मचा दी थी। सेरालिनी ने कुछ चूहों को दो वर्ष तक जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) अनाज खिलाया था। नतीजे चौंकाने वाले रहे। चूहों के शरीर पर बहुत बड़े आकार वाली गांठें उभर आईं। साथ ही उनमें यकृत और गुर्दे की बीमारियां भी पाई गईं।...
More »जीएम फसल : भरोसेमंद रिसर्च, अन्नदाता की भलाई में समाधान
जीन संशोधित यानी जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) फसलों को लेकर भारत में एक बार फिर जीन संशोधित यानी जीएम फसलों का मामला गरमा गया है। पेश है एक रिपोर्टः- नरेंद्र मोदी सरकार पर इस मसले पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के दबाव में काम करना आरोप लगा है। पहले खबर आई थी कि देश में 15 जीएम फसलों के फील्ड ट्रायल की अनुमति दे दी गई है। बाद में संघ से...
More »पहले थी सूखे की आशंका, अब किसान चाह रहे बारिश पर ब्रेक
रायपुर। जून में बारिश की कमी ने सूखे की आशंका बढ़ा दी थी, लेकिन जुलाई की बारिश ने इस आशंका को न सिर्फ खत्म कर दिया है, बल्कि अब किसान बारिश में ब्रेक चाहते हैं। अब आलम यह है कि खेतों में पानी भरा हुआ है और किसान पानी निकाल नहीं पा रहे। मौसम और कृषि विभाग का कहना है कि अब कम से कम एक हफ्ते बारिश...
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