आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...
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क्यों धैर्य खो रहे हैं किसान-- संजीव पांडेय
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में किसान उग्र हो गए हैं। दोनों राज्यों में किसान आंदोलन हिंसक हो गया। मध्यप्रदेश में पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत हो गई। यह घटना पूरे देश के लिए चेतावनी है क्योंकि किसानों ने अब शांतिपूर्वक आंदोलन के बजाय हिंसक रास्ता अख्तियार कर लिया है। कर्ज के बोझ तले दबे किसान फसलों की संतोषजनक कीमत न मिलने के कारण सड़कों पर उतर आए। सरकार की...
More »भूख में तनी हुई मुट्ठी का नाम...-- रविभूषण
धूमिल (9 नवंबर 1936-10 फरवरी 1975) ने लिखा था, 'भूख से रियाती हुई फैली हथेली का नाम दया है, और भूख में तनी मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है' (नक्सलबाड़ी कविता, संसद से सड़क तक, 1972 में संकलित). बाद में नागार्जुन ने अपनी एक कविता में यह सवाल किया, 'भुक्खड़ के हाथों में यह बंदूक कहां से आई?' भारतीय राजनीति पर फरवरी 1967 के लोकसभा चुनाव का रैडिकल प्रभाव पड़ा. पश्चिम...
More »डोनाल्ड ट्रंप की नयी योजना से धीमी हो सकती है स्टार्टअप इंडिया की रफ्तार!
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव के बाद अपने 100 दिनों के कार्यकाल के आखिरी दौर में नया टैक्स प्लान पेश किया है. इसमें उन्होंने बड़ी टैक्स कटौती की है. नये कर प्रस्ताव के तहत कॉरपोरेट कर को मौजूदा 35 फीसदी से घटा कर 15 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा, व्यक्तिगत कर की दरों में महत्वपूर्ण कटौती का प्रस्ताव भी है. अमेरिका में नौकरियों के लिए नये...
More »पहलू खान और मशाल खान-- विभूति नारायण राय
पचपन साल के पहलू खान और तेईस वर्षीय मशाल खान में खान उपनाम के अतिरिक्त क्या समानता हो सकती है? अलवर जिले के बहरोड़ कस्बे में एक अप्रैल को निर्ममता से गोरक्षकों द्वारा कत्ल किए गए पहलू खान और पेशावर के पास मरदान में 13 अप्रैल को उतने ही वहशियाना तरीके से ईश निंदा के फर्जी आरोप में मारे गए मशाल खान की दुनिया एकदम अलग थी। हरियाणा में मेवात...
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