SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1424

कोरोना वायरस: भारत में लॉकडाउन प्रदूषण के मोर्चे पर एक वरदान है?

-बीबीसी,  भारत में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन जारी है. सड़कें सूनी पड़ी हैं. कामकाज ठप पड़ा है. और लोग घरों में लॉकडाउन खुलने का इंतज़ार कर रहे हैं. लेकिन इस सबके बीच एक अच्छी ख़बर ये आई है कि लॉकडाउन की वजह से भारत की राजधानी दिल्ली समेत तमाम दूसरे शहरों में वायु, जल और ध्वनि प्रदूषण में भारी कमी आई है. दिल्ली के वायु प्रदुषण में भारी कमी देखी जा...

More »

क्या दोबारा आएगा लॉकडाउन

-इंडिया टूडे,  14 अप्रैल को मौजूदा लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सरकार 15 मई से देशभर में एक दूसरे लॉकडाउन पर विचार कर रही है. 3 अप्रैल को केंद्रीय रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में हुई 16-सदस्यीय मंत्री समूह (जीओएम) की बैठक, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल थे, में जिन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई उनमें लॉकडाउन को आगे बढाए जाने की बात भी शामिल थी. सरकार का मानना है...

More »

कोरोना लॉकडाउन से प्रभावित असंगठित क्षेत्र को सरकार क्या भूल गई है?

-बीबीसी, वित्त मंत्रालय में जारी लगातार बैठकों और विचार-विमर्श के बाद मध्यम वर्ग और कॉर्पोरेट जगत को कोरोना से निपटने के लिए एक के बाद दूसरी राहतों का एलान हुआ. इसके बाद भारत के 50 से अधिक समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों और राजनीतिज्ञों ने केंद्र और राज्य सरकारों को ख़त लिखकर लगभग 40 करोड़ से अधिक दिहाड़ीदारों, खेतिहर मज़दूरों, छोटे किसानों, वृद्धा पेंशन भोगियों और झुग्गी-झोपड़ियों में रहनेवालों विशेष वित्तीय मदद दिए जाने की...

More »

हमें खाली-पीली 'हैप्पी विमंस डे' या महिला दिवस की बधाई सुनना अच्छा नहीं लगता

-सत्याग्रह, प्रसव का दर्द और मातृत्व का सुख तब भी था जब भाषाएं और सभ्यताएं भी विकसित नहीं हुई थीं. यानी मातृत्व का इतिहास दुनिया की किसी भी सभ्यता के इतिहास से भी पुराना है. समय-समय पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में स्त्रीवादी लेखिकाओं ने मातृत्व के बारे में अपने विचार रखे हैं. लेकिन अपने भारतीय समाज में तमाम स्त्रीवादी आंदोलनों, विचार-विमर्श, चर्चा और लेखन के बाद भी एक बड़ी हद...

More »

वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वां स्थान चिंताजनक : नायडू

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि होने के बावजूद भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 102वें पायदान पर है, जो चिंता का विषय है। नायडू ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उच्च प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल होने से खाद्यान्न के मामले में देश आज आत्मनिर्भर हो गया है, लेकिन वैश्विक भूख सूचकांक में भारत का 102वें स्थान पर होना चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड खाद्यान्न...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close