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एक्सपोर्ट में ग्रोथ से कम हो रही नौकरियां : रिपोर्ट

मई में श्रमिक प्रधान और पारंपरिक क्षेत्रों के बदौलत निर्यात क्षेत्र में जबरदस्त ग्रोथ हुई है। लेकिन क्रिसिल की मानें तो निर्यात क्षेत्र में नौकरियां कम हो रही हैं। क्रिसिल के मुताबिक, इंडिया के एक्सपोर्ट में डोमेस्टिक वैल्यू एडेड (डीवीए) कंटेंट और एम्पलॉयमेंट इंटेसिटी में गिरावट देखी गई है।   क्रिसिल की राय   क्रिसिल ने निर्यात बाजार में जॉब पैटर्न को समझने के लिए ओईसीडी वैल्‍यू एड डाटा बेस की मदद ली है...

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गरीबी और प्रधानमंत्री मोदी- विकास नारायण राय

जनसत्ता 30 मई, 2014 : भाजपा संसदीय दल का नेता चुने जाने की औपचारिकता के बाद मोदी ने संसद के केंद्रीय हाल से संबोधन में अपनी सरकार को गरीबों, युवाओं और स्त्रियों को समर्पित करार दिया। कॉरपोरेट जगत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चहेते ‘चायवाले’ के लिए इस दिखावे को अधिक दिनों तक निभाना टेढ़ी खीर ही होगी। गरीबों को लेकर मोदी का नवउदारवादी ट्रैक रिकार्ड सर्वाधिक संदेहास्पद रहा है।...

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पूर्वोत्तर राज्यों में आर्थिक विकास, रोजगार प्राथमिकता: वी के सिंह

नयी दिल्ली: पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले जनरल :सेवानिवृत्त: वी के सिंह की शीर्ष प्राथमिकता पूर्वोत्तर राज्यों में आधारभूत सुविधाएं बढाना, युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना और इन राज्यों में आर्थिक विकास को बढावा देने की होगी.सिंह ने कहा कि सरकार क्षेत्र में आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित करने की कोशिश के अलावा सीमावर्ती इलाकों समेत पूरे पूर्वोत्तर की सडक संरचना में सुधार लाने पर...

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अबकी बार केवल सरकार- शंकर अय्यर

पिछले तीन महीने में भारत ने बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। यह सरकार विहीन यथार्थ से विपक्ष विहीन यथार्थ की स्थिति में आ गई है। निष्क्रियता और अयोग्यता का एक चक्र पूरा हो चुका है। ऐसे में, जनादेश को इस तरह भी अभिव्यक्त किया जा सकता है-अबकि बार केवल सरकार, कोई विपक्ष नहीं! सांसद आपस में मजाक करते देखे जा रहे हैं कि एनडीए के सभी सदस्यों के बैठने...

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नि:शक्तों को समान अवसर का है अधिकार- आर के नीरद

नि:शक्तों को वह सब अधिकार मिला हुआ है, जो एक सामान्य व्यक्ति को है. नि:शक्तता के आधार पर उसके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता, बल्कि एक सामान्य व्यक्ति के मुकाबले उसकी शारीरिक या मानसिक कमी की भरपाई के लिए उसके साथ विशेष व्यवहार किया जाना है. शारीरिक रूप से नि:शक्त व्यक्ति के मामले में समाज का नजरिया बदला भी है, लेकिन मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति के प्रति अब...

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