आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...
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विकास की बड़ी जिम्मेदारी है इस आयोग पर-- एन के सिंह
तीन साल पहले योजना आयोग को खत्म करके उसकी जगह एक थिंक टैंक के तौर पर नीति आयोग का गठन किया गया था। आलोचक यह सवाल अब तक उठाते हैं कि क्या यह बदलाव मुनासिब साबित हुआ? इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने से पहले यह बताना चाहूंगा कि योजना आयोग के तीन बुनियादी काम थे। पहला, केंद्र और राज्यों के बीच सेतु का काम करना। दूसरा, हमारी विकास संबंधी नीतियों...
More »नरेंद्र मोदी सरकार लाएगी नई योजना, महिलाएं चलवाएंगी मिनी-बस
भारत के ग्रामीण इलाके में यातायात की व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने महिला स्वयंसेवी समूहों (एसएचजी) की मदद लेने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इस साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ग्रामीण परिवहन योजना का शुभारम्भ किया जाएगा जिसमें महिलाओं की अहम भूमिका होगी। भारत के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिन्हा ने बताया कि ये योजना पहले देश के 250 ब्लॉक...
More »रोजी बनाम राम- एकै साधे सब सधे--- मुकेश भारद्वाज
सरकार के हर मंच से नोटबंदी को सही बताने के बाद 2016-17 की चौथी तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि सकल घरेलू उत्पाद दर घट कर 7.1 से 6.1 फीसद पर आ गई। बाजार में तरलता की कमी से मांग घटी और छोटे कारोबारियों की कमर टूट गई। अब जबकि जीएसटी के अमल का समय नजदीक आ रहा है, सरकार जमीनी सच्चाई को नकारते हुए कमजोर अर्थव्यवस्था का ठीकरा...
More »जनवरी-मार्च तिमाही में GDP ग्रोथ 6.1 फीसदी रही, 6 कोर सेक्टर में भी आई गिरावट
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2016-17 में घटकर 7.1 प्रतिशत पर आ गई है। कृषि क्षेत्र के काफी अच्छे प्रदर्शन के बावजूद वृद्धि दर नीचे आई है। सरकार ने 500 और 1,000 के बड़े मूल्य के पहले से चल रहे नोटों को आठ नवंबर को बंद करने की घोषणा की थी। इस नोट बदलने के काम में 87 प्रतिशत नकद नोट चलन से बाहर हो गए...
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