सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने चुनावी वादे के अनुरूप भारतीय खाद्य निगम यानी एफसीआई को बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। खाद्य सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाली इस संस्था को कई हिस्सों में बांटने के तौर-तरीकों पर सुझाव देने के लिए जल्दी ही उच्चस्तरीय कमेटी की घोषणा की जाएगी। राशन प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए सत्तारूढ़ भाजपा ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपने...
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मध्यप्रदेश के इंदौर में अमीरों के 'गुलाम' बन रहे गरीब बच्चे
सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। अमीर परिवार के लोग अपने बच्चों की परवरिश के लिए गरीबों के बच्चों का बचपन छीन रहे हैं। इंदौर में दूसरे प्रदेशों से बच्चों को खरीदकर नौकर बनाने का चलन भी लगातार बढ़ता जा रहा है। सालभर में 10 से ज्यादा मासूम बाल श्रमिकों के मामले उजागर हुए, जिन्हें बड़े परिवारों ने घरेलू नौकर बना दिया। अब श्रम विभाग ने एनजीओ और महिला बाल विकास विभाग...
More »चालीस साल बाद भी नहीं पहुंची बिजली
कोरबा (निप्र)। विद्युत संयंत्रों के 5 किलोमीटर की परिधि में आने वाली श्रमिक बस्तियों में मुफ्त बिजली की सुविधा दिए जाने की शासकीय योजना की धज्जियां ऊर्जानगरी में उड़ाई जा रही है। हैरत की बात तो यह है कि बालको एवं विद्युत कंपनी के पूर्व संयंत्र के बीच बसी डबरीपारा बस्ती में आज भी बिजली की सुविधा नहीं पहुंच सकी है। 40 साल पुरानी इस बस्ती में रहने वाले लोग...
More »शिक्षा में सजा नहीं, रचनात्मकता हो - अर्चना डालमिया
हमारे उपमहाद्वीप में दुनिया के लगभग 19 फीसदी बच्चे रहते हैं। देश की आबादी के एक-तिहाई से ज्यादा हिस्से की, करीब 44 करोड़ लोगों की उम्र 18 वर्ष से नीचे है। केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्रालय के अध्ययन के मुताबिक इस आबादी में से 40 फीसदी को देखभाल और संरक्षण की जरूरत है। इससे पता चलता है कि देश में बच्चों को किस हद तक शारीरिक दुर्व्यवहार का सामना...
More »प्रवासी श्रमिक : जो लौट के घर ना आए - रमेश नैयर
युद्ध में धंसे इराक से किसी प्रकार दो-एक सौ कामगारों को मुक्त कराके स्वदेश लाया जा सका है। उनके जीवन और मृत्यु के बीच झूलते रहे दिनों के अनुभव व्यथित करते हैं। वे 40 लाख से अधिक उन प्रवासी भारतीयों की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराते हैं, जो मध्यपूर्व के देशों में काम कर रहे हैं। उनका वर्तमान आजीविका के जुगाड़ में खप रहा है। भविष्य असुरक्षा भरे अनिश्चय की...
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