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बिहार श्रमिक महिला आयोग का गठन शीघ्र: मुख्यमंत्री

पटना राज्य के असंगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं की स्थिति जानने के लिए सरकार शीघ्र ही बिहार श्रमिक महिला आयोग का गठन करेगी। आयोग निर्धारित अवधि में असंगठित क्षेत्र की महिलाओं की स्थिति का अध्ययन कर, अपना सिफारिश सरकार को देगा। आयोग की सिफारिशों पर सरकार समुचित रूप से कदम उठायेगी। ये बातें सोमवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सामाजिक संगठन सेवा की ओर से श्रीकृष्ण मेमोरियल हाल में आयोजित समारोह में...

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कामयाबियों का किर्तीमान बना रही नारियां

सीतामढ़ी। मां जानकी की जन्म भूमि अब नारी शक्ति की धरती बन गयी है। चाहे शिक्षा हो या राजनीति, समाज सेवा, लेखन, कला, खेल या जांबाजी। हर क्षेत्र में सीतामढ़ी की महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का जलवा दिखाया है। कामयाबी का यह सफर सिर्फ जिला, प्रदेश व देश स्तर पर ही नही, बल्कि विदेश में भी कामयाबी का परचम लहरा कर महिला सशक्तिकरण का परिचय दिया है। देश की पहली महिला आईपीएस किरण बेदी ने...

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राज्य सरकार ने बदल दिया बीपीएल सर्वे का फोर्मूला

रांची  राज्य सरकार ने बीपीएल सर्वेक्षण के लिए अपना फार्मूला बदल दिया है. नया फार्मूला जारी किया है. बीपीएल परिवारों में होनेवाली संभावित वृद्धि को 10 प्रतिशत तक ही नियंत्रित रखने का निर्देश दिया है. इस सर्वेक्षण से नये बीपीएल परिवारों को कोई लाभ नहीं मिलेगा. सरकार उन्हें अनाज नहीं दे पायेगी. इसका अनुमान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सभी ओदम जनजातियों(पीटीजी) को बीपीएल सूची में शामिल करने के बाद उन्हें 35 किलो...

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श्रमिक हितों पर मंत्रालय के कड़े तेवर

देहरादून। राज्य में संगठित व असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सूचीबद्ध करने के लिए होमवर्क शुरू कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश में है कि उत्तराखंड में स्थापित उद्योगों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है अथवा नहीं। श्रमिकों को स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दिलाने तथा बंधुआ मजदूरों को वास्तविक संख्या जानने के लिए भी मंत्रालय ने कदम उठाए हैं। राज्य में संगठन व...

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किसानों की गरीबी घटाने में छोटी जोतें बड़ी बाधा

लखनऊ। सरकार का नजरिया कुछ भी हो पर कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में 91 फीसदी किसानों की जोतें इतनी छोटी हैं कि इनके बूते गरीबी उन्मूलन तो दूर की बात, उनके परिवारों का पेट भर पाना ही कठिन है। इस मजबूरी में कृषि विविधीकरण सहित तमाम कृषि सुधार योजनाओं का फोकस सिर्फ नौ फीसदी किसान हैं, जिनके बूते सरकार कभी उत्पादन दुगुना करने का सपना देखती...

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