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हिरना समझ-बूझ वन चरना..- संपादकीय

जिसका शुरू से मुझे डर था, अब वही हो रहा है। लोकपाल के नाम पर उमड़ा अपूर्व जनाक्रोश अब अपूर्व दिग्भ्रम बनता चला जा रहा है। सबसे पहले अन्ना हजारे को ही लें। जब उन्हें अनशन पर बिठाया गया था, तब और अब, जबकि वे लोकपाल विधेयक कमेटी के सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं, उनकी अपनी कोई सोच दिखाई ही नहीं पड़ती। उन्हें जो भी तत्काल सूझ पड़ता है, उसे वे अखबारों को...

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सतारा में अन्ना के तीन साथियों पर हमला

सतारा (महाराष्ट्र) अन्ना हजारे के नेतृत्व वाले संगठन भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन के तीन आरटीआई कार्यकर्ताओं पर कथित तौर पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने हमला कर दिया। इनमें एक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल है। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। सतारा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का गृह जिला है। सहायक पुलिस निरीक्षक शंकरराव दामसे ने बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता पीटर बर्गे को रविवार को अज्ञात व्यक्ति ने...

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हमने इनके बूते कुचला भ्रष्टाचार

शिमला। हिमाचल में भी ऐसे अन्ना हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी। उनकी इस लड़ाई में अंतत: भ्रष्टाचारियों को मुंह की खानी पड़ी। पेश हैं ऐसे कुछ चेहरे जिन्होंने जनहित के लिए आवाज उठाई.. हौसले से उजागर हुई मनरेगा की धांधली कमला देवी, घरेलू महिला, मंडी मंडी के पंडोह कस्बे के सरहांडा गांव की कमला देवी ने 2007 में मनरेगा के खिलाफ प्रदेश में पहली एफआईआर दर्ज करवाई थी। कमला देवी को...

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अन्ना बोले, चरित्र साफ हो तो सरकार झुकाना कठिन नहीं

अन्‍ना हजारे ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ लड़ाई में जब से सरकार को झुकाया है, तब से देश में कई आवाजें उनके विरोध में उठी हैं। पर दुनिया में अभी भी वह हीरो बने हुए हैं। मलेशियाई अखबार 'द स्‍टार' ने 18 अप्रैल के अंक में उन्‍हें भारत में भ्रष्‍टाचार से लड़ने वाला नया हीरो करार दिया है। अखबार ने लिखा है कि उनके विरोध में जो कुछ आवाजें उठीं, जनता ने उन्‍हें...

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लोकतंत्र में शॉर्टकट नहीं होता : हर्ष मंदर

वह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण क्षण था, जब देशभर के मध्यवर्गीय युवा भ्रष्ट प्रशासन के प्रति आक्रोश व्यक्त करने के लिए एकजुट हुए। हमारा देश कई विरोध प्रदर्शनों का साक्षी रहा है। कुछ हिंसक तो कुछ शांतिपूर्ण। कुछ वेतन व भूमि के लिए तो कुछ आत्मसम्मान व मानवाधिकारों के लिए। लेकिन यह आंदोलन कुछ अलग था। दशकों बाद हमने शिक्षित और संपन्न युवाओं को इतने बड़े पैमाने पर...

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