लखनउ : उत्तर प्रदेश के इटावा, सम्भल और मुजफ्फरनगर जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसल की बर्बादी का सामना कर रहे पांच और किसानों ने या तो कथित रुप से आत्महत्या कर ली या फिर दिल का दौरा पडने से उनकी मौत हो गयी. इटावा जिले में जसवंत नगर के क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि नगला इन्चा गांव में कल राजवीर सिंह, 57 ने आम के...
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राजस्थान के इन गांवों में भगवान को भी मिलेगा मुआवजा
जयपुर। राजस्थान में हाल में बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुए फसल का मुआवजा इंसानों को ही नहीं बल्कि भगवान को भी मिलेगा। इसका कारण है कि उनकी फसल भी बारिश में तबाह हो गई है। दरअसल, राजस्थान में कई गांवों में कुछ जमीनें वहां के मंदिरों के नाम दर्ज है। यह मंदिर माफी की जमीनें कहलाती है। इन खेतों के मालिक उस मंदिर के देवी-देवता होते हैं। मंदिर की समिति...
More »आदिवासियों, किसानों की जमीन बचाने से हो शुरुआत- सच्चिदानंद सिन्हा
बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...
More »यूपी - बेमौसम बारिश से तबाह किसानों के साथ मुआवजे के नाम पर मजाक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश से बर्बादी के कगार पर पहुंचे किसानों को कुदरती कहर से कहीं ज्यादा दर्द सरकारी अब मुआवजे के नाम पर दिया जा रहा है। एक तरफ फसलों की तबाही तो दूसरी ओर सदमे से टूटती सांसों से कृषक परिवारों पर दोहरी मार पड़ी है। बादलों की गडगड़ाहट अब भी किसानों में खौफ पैदा कर देती है, इसके बावजूद दूसरों का पेट भरने वाले किसानों...
More »तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में पहुंची सुंगधित पौधों की खेती
पारंपरिक खेती लगातार नुकसान का सौदा साबित होती जा रही है, इसलिए किसानों का रुझान गैर पारंपरिक खेती की तरफ बढ़ रहा है। देश में इस समय तीन लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा क्षेत्र में औषधीय एवं सुगंधित पौंधों की खेती की जा रही है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री हर्षवर्धन का कहना है कि देश औषधीय एवं सुगंधित पौंधों का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन सकता है। डॉक्टर हर्षवर्धन ने उत्तराखंड...
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