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हमारी संपदा, हमारा अधिकार-- अनिल प्रकाश जोशी

इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग (ईएसडीएम), एयरोस्पेस ऐंड डिफेंस, पर्यावरणीय प्रौद्योगिकी एवं अक्षय ऊर्जा जैसी उच्च तकनीकों के क्षेत्रों में भारत का बाजार वर्ष 2020 तक 550 से 600 डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इससे अगले पांच वर्षों में देश के उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में 140 अरब डॉलर का निवेश होगा और ऊंचे वेतन वाली तीन करोड़ नौकरियों का सृजन होगा। ये तकनीकें वैश्विक मूल उपकरण उत्पादकों (ओईएम) के...

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स्वच्छता कायम रखने में भारतीय डॉक्टर पीछे

नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि भारतीय डॉक्टरों एवं नर्सों में हाथ धोने और साफ-सफाई बनाए रखने की आदत बहुत कम होती है। दोनों संस्थानों ने सफाई से जुड़े प्रशिक्षण सत्र चलाए जाने की बात की है। अध्ययन में बताया गया है कि अधिकांश डॉक्टर काम के दौरान हाथ धोने के लिए साबुन और पानी...

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किराये की कोख बढ़ता कारोबार घपले हजार

पिछले कुछ समय में सरोगेसी का कारोबार तेजी से फैला है। दुनिया भर से जोड़े भारत में कुकुरमुत्ते की तरह उगते आईवीएफ क्लिनिक्स में आते हैं, जहां किराये की कोख उपलब्ध होती हैं और वे उन्हीं के जरिये अपने बच्चों को जन्म देते हैं। पर इस कारोबार के लिए न तो कोई कानून है और न ही कोई निगरानी तंत्र, जिसकी वजह से इसमें शोषण भी बहुत होता है। पेश...

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श्रम और दक्षता का संतुलन-- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

यह नई खोजों का समय है। भविष्य में वही समाज या देश आगे बढ़ेगा, जो नई वैज्ञानिक और सामाजिक खोजों में आगे रहेगा। दुनिया में इस समय तीन देश प्रतिस्पर्धा में हैं: चीन, भारत और अमेरिका। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने हाल में ‘ब्रेन प्रोजेक्ट' की शुरुआत करते हुए जिक्र किया कि इंटरनेट के बाद अगली क्रांति मनुष्य के दिमाग की तकनीकी को समझने की होगी और अमेरिका को ये...

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इस गांव में कभी ख़त नहीं आया

736135. ये महज कोई संख्या नहीं बल्कि भारत के सबसे नए गाँव मशालडांगा का पिन कोड है. भारत-बांग्लादेश ज़मीन समझौते के तहत इसी हफ़्ते पश्चिम बंगाल के कूच बिहार ज़िले का मशालडांगा गाँव भारत का हिस्सा बना है. देश की आज़ादी के बाद अब पहली बार इस बस्ती में डाक आएगी. विभाजन के समय कूचबिहार ज़िले और इससे सटे बांग्लादेश के तीन ज़िलों में कई ऐसे इलाक़े रह गए थे, जो थे तो...

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