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बस एक या दो दिन ही और खा सकते हैं गुटखा और पान!- विनोद यादव

मुंबई. महाराष्ट्र में गुटखा और पान मसाले की बिक्री पर आने वाले दो दिन के भीतर पाबंदी लगने की बात खाद्य एवं औषधि प्रशासन मंत्री मनोहर नाईक ने दी है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में विधि व न्याय विभाग की राय मांगी गई है। नाईक ने बताया कि विधि व न्याय विभाग की राय आने के बाद राज्य में गुटखा और पान मसाले की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी...

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50 हजार की भीड़ के सामने बिलखते हुए मरा किसान, तमाशा देखते रहे लोग

नई दिल्ली। भाजपा मुख्यालय अशोका रोड पर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले धरना दे रहे किसानों में एक की मौत हो गई।   धरना दे रहे किसान मध्य प्रदेश में गिरफ्तार किसानों की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे थे। लगभग 50 हजार किसान शुक्रवार सुबह जंतर-मंतर रोड पर एकत्रित हुए और मध्य प्रदेश के अन्नूपुर जिले में किसानों की गिरफ्तारी का विरोध करने लगे।   किसान शिवराज सिंह...

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हजारों एकड़ जमीन, 193 कम्पनियां : इन मंत्री जी के पास है बस इतनी सी संपत्ति

मुंबई। परिवहन राज्यमंत्री गुलाबराव देवकर के बाद राज्य के वरिष्ठ मंत्री सुनील तटकरे भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसते नजर आ रहे हैं।   उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बेहद करीबी तटकरे पर काला धन, आय से अधिक संपत्ति और आयकर चोरी के आरोप लगाते हुए शेकाप नेता जयंत पाटील ने कहा है कि तटकरे ने काले धन के मार्फत हजारों करोड़ रुपए का साम्राज्य खड़ा किया। उन्होंने अपने परिवार और निकटवर्तियों के...

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भड़की चिंगारी: अपनी ही जमीन पाने के लिए सड़क पर आए तीन हजार किसान-मछुआरे - विनोद यादव

रत्नागिरी (महाराष्ट्र). जैतापुर न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट (जेएनपीपी) के खिलाफ विरोध की चिंगारी एक बार फिर भड़क उठी है। बुधवार को करीब तीन हजार किसानों-मछुआरों ने अपने पशुओं के साथ प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई अपनी जमीन पर कब्जा लेने का असफल प्रयास किया। कोंकण एंटी-न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट कमेटी के पदाधिकारी प्रदीप इंदुलकर का कहना है कि पुलिस ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जमीन वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे...

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सीखिये रिक्शाचालक बलराम से- उमेश यादव

बलराम जब 17 साल का था तब उसे अपना घर-परिवार छोड़कर कोलकाता जाना पड़ा. पढ़ने-लिखने के उम्र में उसे परिवार चलाने के लिए काम में लगा दिया गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उसके परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी. साल भर खाने के लिए अन्न नहीं जुटता था. ऐसी बात नहीं थी कि उसके घर में खेतीबारी नहीं थी. पिताजी लघु कृषक थे. आधी से ज्यादा जमीन बंजर थी. जो...

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