"पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं" वाली कहावत सुनकर मैं अक्सर सोचता हूं कि पालने में नामुराद पांव ही क्यों देखे जाते हैं? शायद, इसलिए कि पांव देखने से पूत के चाल-चलन का पता चलता है। भान होता है कि पूत के पांव आगे किस ओर जाएंगे, कहां रूके-टिकेंगे और कहां फिसलेंगे। चूंकि नई सरकार और उसके मुखिया ने अभी बस सौ दिन पूरे किए हैं, सो उसके...
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यूपी:750 से अधिक गांव बाढ की चपेट में
लखनऊ: नेपाल से छोडे गये पानी से उत्तर प्रदेश के कई जिले में तबाही का मंजर अभी बरकरार है. 750 से ज्यादा गांवों की करीब आठ लाख की आबादी अब भी बाढ से जूझ रही है. प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर तथा गोरखपुर जिलों में कुल 757 गांवों की आठ लाख एक हजार 106 की आबादी बाढ से...
More »कालिख के सौदे पर कड़ा प्रहार - परंजॉय गुहा ठाकुरता
भारत के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस राजेंद्रमल लोढ़ा ने 25 अगस्त को कोयला खदान घोटाले के संबंध में फैसला सुनाते हुए जिस तरह के कठोर शब्दों का उपयोग किया, उसके बाद अगर वर्ष 1993 के बाद से आवंटित सभी 218 खदानों में से अधिकतर को जल्द ही निरस्त कर दिया जाता है तो किसी को हैरत नहीं होनी चाहिए। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण निर्माण क्षेत्र को जरूर कुछ...
More »नक्सली दहशत के चलते गांव छोड़ गए आदिवासी लाए जाएंगे वापस
जगदलपुर (ब्यूरो)। नक्सल दहशत के चलते अपना घरबार छोड़कर पड़ोसी प्रदेशों में कई वर्षों से निर्वासित जीवन गुजार रहे दक्षिण बस्तर के आदिवासियों को सुरक्षित उनके गांव लाकर फिर से बसाने की कवायद की जा रही है। गांव छोड़कर गए ज्यादातर ग्रामीण सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के हैं। लगभग 25 हजार आदिवासी कोंटा से सटे तेलंगाना के खम्मम व वारंगल जिले के ग्रामीण इलाकों में रह रहे हैं। आडिशा के...
More »कागजों में खदानें बंद पर रात को माफिया निकालता है रेत
बठिंडा. लोकसभा चुनाव के बाद बठिंडा, फाजिल्का और फिरोजपुर जिले में बड़े स्तर पर रेत की अवैध माइनिंग फिर शुरू हो गई है। रेत की जिन खदानों को माइनिंग अफसर कागजों में बंद दिखा रहे हैं, वे अवैध तौर पर चल रही हैं। और जो खदानें चलती दिखाई गई हैं, उनकी पर्चियों पर अवैध खदानों से रेत निकालकर लाई जा रही है। यह खुलासा मंगलवार को पकड़े गए रेत से...
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