स्वतंत्रता के मूल्य के घोर समर्थक अमेरिका को इसी मूल्य पर चलकर चुनौती देने वाले जूलियन असांज की उतार-चढ़ाव भरी जीवनयात्रा पर ऋषि मजूमदार का आलेख ठिठुरते लंदन में उस दिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के बाहर मीडिया और पुलिसकर्मियों का जमावड़ा देखकर कोई नहीं कह सकता था कि यूरोप में दशकों बाद कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यह पिछली सात तारीख की बात है. दुनिया भर में अपनी वेबसाइट विकीलीक्स...
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जैविक का व्यापार, एनजीओ और सरकार --- योगेश दीवान
कितना आश्चर्यजनक है कि अचानक मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री पानी बाबा की तर्ज पर ''जैविक बाबा'' हो जाते हैं और मुख्यमंत्री जैविक प्रदेश घोषित करने के लिये धन्यवाद के पात्र. ये वही मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री हैं, जो कुछ दिन पहले तक और अभी भी प्रदेश की खेतिहर जमीन को बड़ी ही सामंती उदारता से बड़ी-बड़ी कंपनियों को बांटते हुए फोटो खिंचा रहे थे. इसे परंपरागत जैविक के एकदम खिलाफ...
More »गांव में बिजली न होने पर हरियाणा से जवाब तलब
चंडीगढ़. हरियाणा सरकार भले ही राज्य के नंबर वन होने का दावा करे लेकिन राज्य में एक गांव ऐसा भी है जहां अब तक बिजली सप्लाई नहीं पहुंची है। दैनिक भास्कर में इस बारे में छपे समाचार पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई जिस पर वीरवार को जस्टिस रंजन गोगोई व जस्टिस अजय तिवारी की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार को चार मार्च के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांगा...
More »नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर
विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...
More »खुलासा या खबर?
मेरे एक करीबी मित्र इस बात के लिए ‘मीडियावालों’ की लानत-मलामत कर रहे थे कि उसका ध्यान केवल एक के बाद एक हो रहे घोटालों की खबरों पर ही केंद्रित है। मैं कुछ देर के लिए सोच में पड़ गया। मेरे मित्र उद्योगपति थे और उनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं था। न ही उन्होंने मीडिया में प्रकाशित होने वाले विश्लेषणों के आधार पर अपनी राय बनाई थी। कॉमनवेल्थ खेलों...
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